नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की भूमिका बढ़ती हुई नज़र आ रही है। कांग्रेस हाईकमान ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावों के लिए यूपी में मुख्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। बघेल को राज्य में कांग्रेस को चुनाव जीताने की चुनौतीपूर्वक जिम्मेदारी भी है। भूपेश बघेल इसके चलते सोमवार को रायपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुए।
वे मंगलवार को भी लखनऊ में ही रहेंगे। दो दिवसीय दौरे के दौरान वे पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और रणनीतिकारों के साथ आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बैठकें करेंगे। इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हो सकती हैं।
सीएम बघेल का यूपी में चौथा दौरा
पिछले कुछ दिनों से भूपेश बघेल का ये चौथा दौरा होगा। इससे पहले बघेल 5 अक्टूबर को लखीमपुर जाने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। लेकिन उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। वहां 2-3 घंटे धरना प्रदर्शन के बाद बघेल दिल्ली पहुंचे। उसके अगले दिन वह राहुल गांधी और पंजाब का सीएम चरणजीत चन्नी के साथ लखीमपुर पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ सीएम ने लखीमपुर में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिजनों को 50-50 लाख रुपए देने का एलान भी किया था। वहीं 9 अक्टूबर को बघेल लखनऊ के कौल हॉउस में प्रियंका गांधी के साथ बैठक में शामिल हुए। वह प्रियंका गांधी के साछ वाराणसी यात्रा में बी शामिल हुए। अब सोमवार को चुनाव नेतृत्व के लिए लखनऊ पहुंचे हैं।
छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर सक्रिय हुई बघेल की टीम
यूपी का पर्यवेक्षक नियुक्त होने से पहले से ही सीएम बघेल की टीम राज्य में सक्रिय है। कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री के करीबी और संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी को कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाकर उत्तर प्रदेश का जिम्मा दिया है। राजेश तिवारी और उनकी टीम उत्तर प्रदेश के सभी जिलों का दौरा भी कर चुकी है।