नई दिल्ली। केंद्र मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में बताया कि आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से वजह से कुछ लोगों की मौत हुई है। कई लोग जो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वेंटिलेटर पर थे, उन्हीं लोगों की मौत हुई है। मंगलवार को संसद में तेलुगु देशम पार्टी के सांसद के रवींद्र कुमार के एक सवाल के जवाब में, स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को बताया कि राज्य सरकार के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मुख्य टैंक को फिर से भरने और अस्पताल के बैकअप में बदलने के बीच के अंतराल में “कुछ रोगियों” की मृत्यु हो गई।
वेंटिलेटर सपोर्ट पर मरीजों के लिए अपर्याप्त ऑक्सीजन बनी मौत की वजह
डॉ पवार ने कहा, “प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा लगता है कि 10 केएल ऑक्सीजन टैंक के लेवलिंग और इस अस्पताल के बैकअप मैनिफोल्ड सिस्टम के स्विचिंग के बीच का अंतराल ऑक्सीजन लाइनों में दबाव में गिरावट के कारण हुआ। ऑक्सीजन लाइनों में दबाव में गिरावट के कारण मुख्य रूप से वेंटिलेटर सपोर्ट पर मरीजों के लिए अपर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध थी।” तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया (SVRR) अस्पताल में मौतें हुईं, स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने भी कहा, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कब हुईं।
आंध्र प्रदेश सरकार ने केंद्र को दी रिपोर्ट
केंद्र सरकार का कहना है कि 9 अगस्त, 2021 को आंध्र प्रदेश सरकार ने कोरोना की मौतों को लेकर जो रिपोर्ट दी है उसी के हवाले से संसद में यह जानकारी दी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि आंध्र प्रदेश सरकार के मुताबिक, 10 मई 2021 को SVRR अस्पताल में कुछ मरीज़ जो कि वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे, उनकी मौत हुई।
आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले केंद्र सरकार ने संसद में बयान दिया था कि राज्य सरकारों द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें किसी में भी ये नहीं कहा गया कि किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है।