नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है, जबकि ऑक्सीजन उत्पादन की अधिकांश इकाइयां झारखंड, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में हैं।
जरूरतमंदों तक पहुंचाने की चुनौती
देश में ऑक्सीजन उत्पादन की नहीं, बल्कि उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने की चुनौती है। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध होने के बावजूद ज्यादा दूरी के कारण उसे समय पर जरूरतमंदों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
ऑक्सीजन का उत्पादन अब भी ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा बताया गया कि ऑक्सीजन की मांग भले ही बढ़ रही हो, लेकिन उसका उत्पादन अब भी ज्यादा है। हर दिन 7500 मीट्रिक टन के उत्पादन की तुलना में सबसे अधिक संक्रमण वाले 20 राज्यों ने 6785 मीट्रिक टन प्रतिदिन की मांग की है। लेकिन राउरकेला, विसाखापट्टनम, जमशेदपुर और बोकारो से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों को समय पर ऑक्सीजन पहुंचाना आसान नहीं है।
टैंकरों और सिलिंडरों की कमी
ऑक्सीजन लाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसी ट्रेन शुरू की गई है। लेकिन यह उपाय भी पर्याप्त साबित नहीं हुआ। टैंकरों और सिलिंडरों की कमी के कारण नजदीक की उत्पादक इकाइयों से जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन पहुंचाना मुश्किल साबित हो रहा है। सरकार एक लाख नए सिलेंडर खरीद रही है, लेकिन उनकी आपूर्ति में समय लगेगा।