नई दिल्ली। शरीर में पानी की कमी होने के संकेत मिलते ही उसे नजरअंदाज न करें। इस बात को ज्यादातर लोग हल्के में लेते है। लेकिन इसे नजरअंदाज कर आप गम्भीर बीमारियों को निमंत्रण दे रहे है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार मानव शरीर में 30 प्रतिशत हिस्सा में तरल होता है, और 70 प्रतिशत हिस्सा में अस्थि व मज्जा शामिल होता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की डाइअटेरी गाइडलाइन के मुताबिक एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में आठ से दस ग्लास यानी दो लीटर पानी पीना चाहिए।
बड़े स्तर पर सूखे से पीड़ित है मरीज
पानी तो हर कोई पीता है लेकिन कुछ लोग कम मात्रा में पानी पीते है। जिससे उनको घाटक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। यहीं कारण है कि हमारे देश में सूखे की बीमारी के मरीज ज्यादा देखने को मिलते है। गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। आमतौर पर इस बीमारी को लोग हल्के में लेते है। लेकिन इससे लोगों की जान भी चली जाती है।
पानी की कमी के सामान्य लक्षण
जब शरीर में पानी की कमी होती है तो मुंह सूखने लगता है। अगर बार बार मुंह सूखे तो समझ ले कि पानी की ज्यादा कमी हो रही है। ऐसे में ज्यादा पानी पीना शुरू कर दें। इसके साथ ही पानी कम पीने से शरीर से पसीना कम निकलता है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल नहीं पाते है। पानी की कमी से त्वचा खुश्क और रूखी हो जाती है। पानी की कमी से स्किन संबंधी कई बीमारी हो जाती है।
शरीर में पानी की कमी के कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं;
• ठंडी और रूखी त्वचा
• त्वचा का रंग बदलना
• सुखी और धंसी हुई आंखें
• रक्तचाप में कमी
• दिल की धड़कनों का बढ़ना
• पेशाब की मात्रा कम होना या पेशाब करने में समस्या होना
• पेशाब का रंग गहरा हो जाना।