लोक जनशक्ति पार्टी में चल रहे घमासान को लेकर चिराग पासवान की प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली। पार्टी में चल रही घमासान के चलते चिराग पासवान ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चाचा पशुपति पारस के साथ जारी विवाद को लेकर चिराग ने अपने रुख को सभी के सामने रखा। चिराग पासवान ने कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए लेकिन अब ये लड़ाई लंबी चलेगी और अब ये लड़ाई कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से निपटने वाली नहीं लड़ाई
चिराग पासवान ने कहा कि पिछले साल 8 अक्टूबर को उनके पिता का निधन हो गया था और साथ ही चुनाव सर पर आ गए थे। वह उनके लिए काफी मुश्किल समय रहा। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी जनता ने उनका भरपूर साथ दिया। उन्हें करीब 25 लाख वोट मिले। चिराग का कहना है कि पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब थी ,इसलिए वह ज्यादा बहार नहीं निकल पाए। यह लड़ाई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से निपटने वाली नहीं है, अभी यह लड़ाई काफ़ी लंबी चलेगी।
उनके पीठ पीछे पार्टी की गई तोड़ने की साजिश
चिराग ने कहा कि वह जेडीयू की वजह से ही गठबंधन से अलग हुए थे क्योंकि उन्हें नीतीश कुमार की रणनीतियों पर भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया। चिराग का कहना है कि जब वह बीमार थे तो उनके पीठ पीछे पार्टी की गई तोड़ने की साजिश रची गई । उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस से बात कोशिश भी की लेकिन बात हो नहीं पाई।