ऐसे होता है QR फ्रॉड
इन दिनों लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है. आए दिन साइबर फ्रॉड की घटनाएं सामने आती रहती है. कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करते वक्त हम QR कोड को स्कैन करते हैं और पैसे ट्रांसफर करते है. बस इसी कार फायदा फ्रॉडस्टर उठाते है. ऐसे लोग QR कोड को बदल देते है. जिससे आपका पेमेंट फ्रॉडस्टर के अकाउंट में चला जाता है. QR कोड को बदल कर दूसरा QR कोड डाल देने को ही QR कोड फिशिंग कहते है. इससे आपके पैसे दुकानदार के पास न जाकर फ्रॉडस्टर के अकाउंट में चले जाते हैं.
कैस बरतें सावधानी
- अपराधी आपको मैसेज या ई-मेल पर QR कोड सेंड कर सकता है. आपको 10,000 की लॉटरी लगने की बात कह सकता है. आपको यूपीआई पिन देकर पैसे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर लेने के लिए कहेगा. आपको ऐसी किसी तरह की बातों में नहीं आना है. इससे आपका अकाउंट साफ हो सकता है.
- अगर आपसे कोई यूपीआई पिन मांगे तो बिल्कुल नहीं देना है. इससे आपको लगेगा कि लॉटरी या किसी तरह के ऑफर वाले पैसे आपके अकाउंट में आएंगे. लेकिन आपके पैसे स्कैमर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे.
- किसी दुकान के बाहर लगे QR कोड या पेट्रोल पंप पर लगे QR कोड को स्कैन करते समय अलर्ट रहें. स्कैमर ओरिजनल QR कोड को अपने QR कोड से बदल सकते हैं.
- ध्यान रखें जब भी QR कोड स्कैन करके पेमेंट करें तो रिसीवर का नाम जरूर कन्फर्म कर लें.
- मैसेज और ई-मेल पर आए अनजान और नए QR कोड को स्कैन करने से बचें.
- अपने फोन के कैमरे से सीधे QR कोड स्कैन के बजाय ऐप का इस्तेमाल करें. ऐसी एप्स से कोड स्कैन करें जो QR कोड की डिटेल्स भी बताती हो.
- किसी भी गलत ट्रांजैक्शन पर तुरंत एक्शन लें. फ्रॉड का शिकार होने पर इसकी शिकायत साइबर सेल में करें.