यूपी में पारदर्शिता की मिसाल बनी पुलिस भर्ती, सीएम बोले- अब नहीं होता पैसे देकर चयन!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती और शासन व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने देश की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर गर्व जताते हुए कहा कि अब प्रदेश में न तो भाई-भतीजावाद है, न ही घूसखोरी, बल्कि पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ युवाओं को नौकरी मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में भर्तियां पैसे और सिफारिश के दम पर होती थीं, लेकिन अब भेदभाव और भ्रष्टाचार से मुक्त व्यवस्था लागू की गई है। पिछले आठ वर्षों में साढ़े आठ लाख से अधिक युवाओं को रोजगार दिया गया है, जिससे प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है।

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को उत्तर प्रदेश की सफलता का मूल कारण बताया और कहा कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर जिले में साइबर थानों की स्थापना, सुरक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अब उत्तर प्रदेश की पहचान आधुनिक, प्रगतिशील और रोजगार-प्रेरित राज्य के रूप में बन चुकी है।

सीएम योगी ने साफ किया कि प्रदेश में अब कोई भी भर्ती सिफारिश या घूस के आधार पर नहीं, बल्कि कौशल, योग्यता और पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए हो रही है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं, क्योंकि अब सभी योजनाएं हर वर्ग के लिए समान रूप से खुली हैं

प्रदेश की जनता में इस बयान के बाद एक नई उम्मीद जागी है, जो योग्यता पर आधारित व्यवस्था को और अधिक सशक्त करती है।