विशेष – पड़ताल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। शासन और प्रशासनिक गलियारों से लेकर सियासी हलकों तक अब सिर्फ एक ही सवाल तैर रहा है — यूपी का अगला मुख्य सचिव कौन होगा? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में विश्वासपात्र अफसरों की लंबी सूची है, लेकिन शीर्ष पद के लिए कुछ नाम सबसे आगे हैं।
🔹 तीन सबसे बड़े दावेदार — गोयल, देवेश और दीपक
शशि प्रकाश गोयल (एसपी गोयल): वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय (पंचम तल) की कमान संभाल रहे हैं। बीते 8.5 साल से सीएम योगी के साथ हैं। सबसे वरिष्ठ और प्रशासनिक रूप से मजबूत माने जाते हैं। यूपी के हर जिले पर इनकी गहरी पकड़ है।
- पॉजिटिव: प्रशासनिक अनुभव, सीएम का विश्वास, वरिष्ठता
- नकारात्मक समीकरण: वैश्य वर्ग से संबंध — क्योंकि डीजीपी राजीव कृष्ण भी उसी वर्ग से हैं।
देवेश चतुर्वेदी: वर्तमान में भारत सरकार में कृषि सचिव हैं। ब्राह्मण समाज से आते हैं और पूर्व में गोरखपुर के डीएम रह चुके हैं। पंचायत और विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण कार्ड खेलने के लिहाज से उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है।
- पॉजिटिव: केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर अनुभव, योगी सरकार की पहली पसंद में
- चुनौती: केंद्र सरकार से रिलीव कराना आसान नहीं, पीएमओ की सहमति जरूरी
दीपक कुमार: वर्तमान में अपर मुख्य सचिव वित्त और कृषि उत्पादन आयुक्त हैं। पूर्व में योगी जी के गोरखपुर डीएम रहे हैं, इस नाते मुख्यमंत्री के बेहद करीबी।
- पॉजिटिव: फास्ट डिलीवरी अफसर की छवि, जनप्रतिनिधियों से अच्छा समन्वय
- प्लस प्वाइंट: अक्टूबर 2026 तक रिटायर नहीं होंगे, यानी लंबा कार्यकाल
🔹 जातीय समीकरण भी बना रहे दिशा
- वैश्य लॉबी एसपी गोयल के समर्थन में
- ब्राह्मण लॉबी देवेश चतुर्वेदी के पक्ष में
- ठाकुर लॉबी दीपक कुमार के नाम को आगे बढ़ा रही
मुख्यमंत्री की अंतिम पसंद किसे मिलेगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। हालांकि, एक लॉबी एसपी गोयल के खिलाफ भी सक्रिय है, जिसने बीते छह महीने में दिल्ली तक शिकायतें भेजीं हैं।
🔹 क्या मिलेगा मनोज कुमार सिंह को एक्सटेंशन?
सूत्रों की माने तो सीएम योगी मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल बढ़वाने का प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। लेकिन अगर विस्तार नहीं मिला, तो गोयल की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है।
🔹 मुख्य सचिव पद क्यों महत्वपूर्ण है?
मुख्य सचिव पूरे प्रदेश की प्रशासनिक, पुलिस और इंजीनियरिंग मशीनरी का नेतृत्व करता है। एक पूर्व मुख्य सचिव के मुताबिक –
“मुख्य सचिव वही बने जो सबसे सीनियर और सर्वश्रेष्ठ हो। अगर जूनियर को बना दिया गया, तो सीनियर अफसर असहज हो जाते हैं।”
🔹 राजनीति और प्रशासन का संगम, दिल्ली की सहमति जरूरी
सूत्रों के मुताबिक, इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति से ही नया मुख्य सचिव नियुक्त करेंगे। इसका सीधा संबंध 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है।
मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए मुकाबला तीन प्रशासनिक दिग्गजों के बीच है। लेकिन अंतिम निर्णय का पलड़ा सीएम योगी के भरोसे, केंद्र सरकार की सहमति और राजनीतिक समीकरणों पर टिका है। आने वाले कुछ दिन प्रदेश की नौकरशाही के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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