
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी। इस बैठक में निगम की कार्यप्रणाली, संरचना और कार्यदायरे पर विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के श्रम अधिकार, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह नया निगम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि आउटसोर्स कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और भरोसा भी स्थापित करेगा। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार श्रमिकों के श्रम, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है। आउटसोर्स कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।”

सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिया कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाए और रेगुलेटरी बॉडी के रूप में इसकी भूमिका तय की जाए, जो निजी एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित करे। इसके तहत सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का पारिश्रमिक हर माह की 5 तारीख तक उनके बैंक खातों में सीधे भेजा जाए और ईपीएफ तथा ईएसआई की रकम भी समय पर जमा की जाए।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि निगम के अंतर्गत की जाने वाली सभी नियुक्तियों में SC, ST, OBC, EWS, महिला, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों को आरक्षण के प्रावधानों का पूरी तरह पालन होगा। यह निगम प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय जोड़ेगा।
बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, एसीएस मुख्यमंत्री एसपी गोयल, मुख्यमंत्री सचिव सूर्यपाल गंगवार, अमित सिंह, एपीसी दीपक कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।