नई दिल्ली। तीसरी लहर का उल्लेख किए बिना, जिसके खतरे भारत में बड़े पैमाने पर मंडरा रहे हैं उसको मध्यनजर रखते हुए केंद्र ने गुरुवार को कहा कि अक्टूबर,नवंबर में देश के कोविड की भेद्यता बढ़ सकती है। कई अनुमानों में पहले कहा गया था कि उस दौरान देश में महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। हालांकि, 62% से अधिक आबादी के आंशिक रूप से टीकाकरण के साथ, स्थिति पहली और तीसरी लहर से अलग होगी।
बीमारी के उठते हुए उछाल को उसी समय रोकना जरूरी है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता के दौरान नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि आने वाले दो, तीन महीने महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जब भी देश में कहीं भी कोई उछाल देखा जाता है, तो उसे तुरंत रोकना पड़ता है। इस साल के अंत में बढ़ी हुई भेद्यता के सवाल पर, डॉ पॉल ने कहा कि अनुमान कहते हैं कि अक्टूबर और नवंबर सबसे महत्वपूर्ण महीने हैं। डॉ पॉल ने कहा, “इस बारे में सार्वजनिक डोमेन में पर्याप्त आंकड़े हैं। ये उत्सव और फ्लू के महीने भी हैं। हमें इन दो महीनों के संबंध में विशेष सावधानी बरतनी होगी।” साथ ही डॉ पॉल ने कहा, “यहां तक कि अगर कोई छोटा उछाल है, तो इसे बढ़ने दिया जाना चाहिए,” उन्होंने कहा कि उत्सवों को कम महत्वपूर्ण रखा जाना चाहिए।
लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और टीकाकरण का पालन रोक सकता है संक्रमण का खतरा।
जहां सोशल डिस्टेंसिंग और टीकाकरण के माध्यम से संक्रमण को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर प्रशासन को भविष्य में किसी भी वृद्धि को संभालने के लिए अपनी क्षमता बढ़ानी होगी। डॉ पॉल ने कहा, “अब हम बेहतर जानते हैं कि होम आइसोलेशन में देखभाल और उपचार कैसे प्रदान किया जाना चाहिए।