जब रामपुर जिले के थानों की थानेदारी संभाली बेटियों ने

रामपुर. उत्तर प्रदेश के रामपुर जिला प्रशासन के बाद शुक्रवार को थानों की कमान बेटियों के हांथ में रही। यहां के थानों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की टॉपर रही छात्राओं ने थानेदारी की।

जिले में शुक्रवार को थानों का माहौल बदला नजर आया। सभी थानों के प्रभारी दो घंटे के लिए बदल दिए गए। थानों की कमान बेटियों ने संभाल ली। मिशन शक्ति के तहत प्रशासन ने यह निर्णय लिया।

सिविल लाइंस कोतवाली में विद्या मंदिर इंटर कालेज में कक्षा 11 की छात्रा प्रतिभा काला को प्रभारी बनाया गया। यहां आसपास के दूसरे थानों में प्रभारी बनी बेटियों को भी बुला लिया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्यमंत्री बलदेव औलख भी आ गए।

थाना प्रभारी प्रतिभा ने राज्यमंत्री से थाने में बनी महिला हेल्प डेस्क का फीता कटवाकर उद्घाटन भी कराया। बाद में राज्यमंत्री ने थाने का निरीक्षण भी किया। नई थाना प्रभारी ने राज्यमंत्री को कार्यालय समेत कंप्यूटर कक्ष, हवालात आदि के बारे में जानकारी दी।

निरीक्षण के बाद राज्यमंत्री चले गए। इसके बाद जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह और एसपी शगुन ने थाना प्रभारी बनी बेटियों के साथ वाहन चेकिंग भी कराई।

मिशन शक्ति के तहत रामपुर में गुरुवार को डीएम और एसपी समेत 65 अफसरों की कुर्सी बेटियों ने संभाली। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा टॉप करने वाली बेटियों को यह मौका दिया गया। अफसर बनीं बेटियों के घर गाड़ियां पहुंच गईं।

इकरा बी के घर जिलाधिकारी की गाड़ी पहुंची, उसके बाद वो कलक्ट्रेट पहुंच गई। यहां पहले से ही मौजूद अपर जिलाधिकारी राम भरत तिवारी और जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने डीएम की कुर्सी पर बैठाया।

चंद मिनट बाद ही दफ्तरों में जाकर निरीक्षण किया। लौटकर करीब दो घंटे तक समस्याएं सुनीं। बिजली, राशन, मकान, जमीन और पुलिस से संबंधित 15 शिकायतें मिलीं। दो महिलाएं तो अपनी फरियाद सुनाते हुए उनके सामने रो पड़ीं। इस पर वह डीएम से बोलीं, ये बहुत परेशान हैं।

इनकी समस्या को गंभीरता से लिया जाए। डीएम ने भी एक दिन में समाधान कराने की बात कही। तुरंत ही संबंधित अफसरों को फोन पर निर्देशित किया।

जिला टॉपर इकरा बी गुरुवार को एक दिन के लिए डीएम भी बनीं। उन्हें पूरे मान सम्मान के साथ कलक्ट्रेट लाया गया। लेने के लिए डीएम की गाड़ी उनके घर पहुंची, तो गांव के लोग भी हतप्रभ रह गए।

इकरा बी ने एक दिन की डीएम बनकर बेहद खुशी हुई है और यह ठान लिया है कि अब आइएएस बनने के लिए पूरी लगन से तैयारी करेगी। यही उनकी जिंदगी का मकसद है।