साधना क्‍यों लगाने पड़ते थे कोर्ट के चक्कर

साधना अपने मां-बाप की इकलौती संतान थीं. साधना की पहली फिल्म सन 1960 में आई ‘लव इन शिमला’ थी. इस फिल्म को आर.के. नय्यर ने डायरेक्ट किया था. वहीं, इस फिल्म में साधना के अपोजिट जॉय मुखर्जी हीरो कास्ट किए गए थे. यह फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आई थी.

फिल्म के साथ ही साधना और आर.के नय्यर की प्रेम कहानी भी रफ़्तार पकड़ चुकी थी. सन 1966 में दोनों ने शादी कर ली, जिसके बाद पूरे 30 सालों तक सबकुछ शानदार चलता रहा. हालांकि, वक़्त ने करवट बदली और आर.के नय्यर साहब की मौत के बाद साधना पूरी तरह अकेली हो गईं.

साधना और नय्यर साहब के बच्चे नहीं थे. जिस घर में साधना रहती थीं उसपर भी मुकदमा चल रहा था. ऐसे में उन्हें लगातार बीमारी की हालत में पुलिस स्टेशन और अदालत के चक्कर काटने पड़ते थे.

जिस एक्ट्रेस की शुरुआत इतनी शानदार रही हो उसका आखिरी समय ऐसे गुजरेगा यह किसी ने भी नहीं सोचा होगा. आखिर, 25 दिसंबर 2015 को साधना यह दुनिया छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चली गईं. हैरानी की बात यह रही कि साधना को अलविदा कहने इंडस्ट्री से मुट्ठीभर लोग ही आए थे.