जयपुर: ओबीसी आरक्षण छेड़छाड़ के विरोध में अब यादव समाज आंदोलन पर उतर आया है. राजस्थान से शुरू हुए इस आंदोलन में पूरे देश में जोर पकड़ लिया है.
सिविल सेवा परीक्षा परिणाम को रोकने और क्रिमिलेयर बढाने के विरोध में यादव समाज ने केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. इस संबंध में अखिल भारवर्षीय युवा यादव महासभा ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है.
ओबीसी सीटों का जनरल में बदलने की आशंका
सिविल सेवा परीक्षा 2019 के परिणाम में 89 ओबीसी के अभ्यर्थी ओपन कैटेगरी में सलेक्ट हुए हैं लेकिन उनका परिणाम रोका गया है.
यादव महासभा को ये आशंका है कि ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों की जगह जनरल वाले अभ्यर्थियों को सलेक्ट किया जाएगा.
अखिल भारतवर्षीय युवा यादव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र लिखकर ओबीसी अभ्यर्थियों को आरक्षण देने की मांग की.
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क्रीमिलेयर को समाप्त करें तो मिले आरक्षण
यादव महासभा ने केंद्र सरकार से क्रीमिलेयर को समाप्त करने की मांग की है. महासभा के अध्यक्ष दिनेश यादव का कहना है कि 8 लाख के क्रीमिलेयर की वजह से आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
इसलिए क्रीमिलेयर की सीमा को या तो समाप्त करना चाहिए या फिर इसकी सीमा 15 लाख तक बढ़ाना चाहिए.
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आरक्षण 27 फीसदी आरक्षण, नौकरी मिली 13 प्रतिशत
ओबीसी के लिए सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है.लेकिन 2015 में राष्ट्रीय अन्य पिछडा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक क्रीमिलेयर के कारण महज 13.5 फीसदी युवाओं को ही नौकरी मिल पाई है.
ऐसे में यादव समाज ने मांग की है कि समाज को ओबीसी का पूरा लाभ मिलना चाहिए. समाज को 27 साल में 13 फीसदी आरक्षण मिल पाया है.
ओबीसी कल्याण संसदीय समिति ने भी माना है कि सरकारी नौकरियों में समाज के युवाओं को सिर्फ 13.1 प्रतिशत का लाभ मिल पाया है.