नई दिल्ली। शाश्वत पांडेय कालीन नगरी भदोही में एक युवा एक्सपोर्टर हैं। वह सेकंड जेनरेशन एक्सपोर्टर है। पिछले 40 सालों से उनकी यूनिट से कालीन निर्मित होकर अमेरिका ब्रिटेन जर्मनी सहित दुनिया भर के कई देशों में कारपेट एक्सपोर्ट होता है। कोविड के दौरान अन्य उद्योगों की तरह कालीन उद्योग पर भी बहुत बुरा असर पड़ा। इस आपदा के वक्त में शाश्वत में अवसर को खोजा और त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाई।
पिछले 3 महीनों में पांच कंसाइनमेंट दुबई और शारजहां भेजे
उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों का लाभ इन्होंने अपनी कंपनी बनाने में लिया और 6 महीने में अपने साथ 250 किसानों को जोड़ा। शाश्वत नियमित अंतराल पर अपनी टीम के साथ इन किसानों के पास जाते हैं और उनसे उनकी वो फसल खरीदते हैं जिसकी विदेश के मार्केट में मांग होती है। उसके बाद उसे तय मापदंड के मुताबिक पैक करते हैं और एक एक्सपोर्ट करते हैं। पिछले 3 महीनों में शाश्वत ने पांच कंसाइनमेंट दुबई और शारजहां भेजे हैं।
किसानों की जीविका का साधन बनने का लक्ष्य
अब तक इन्होंने आम, भिंडी, मिर्ची और तोरी को एक्सपोर्ट किया है। उनके इस कंसाइनमेंट को एक्सपोर्ट करने के बाद विदेशों में उनके ग्राहकों का कहना है कि खाड़ी के देशों में अन्य सब्जियों की भी भारी मांग है और यह सिर्फ भारत से एक्सपोर्ट के जरिए ही पूरी हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार कृषि विभाग के अधिकारी लगातार शाशवत व इन जैसे अन्य उद्यमियों के संपर्क में हैं कि कैसे यह ज्यादा से ज्यादा किसानों को अपने साथ जोड़ सकें और उनकी जीविका का साधन बन सकें।
योगी आदित्यनाथ करेंगे सम्मानित
शाश्वत के इस प्रयास को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनको रविवार को सम्मानित करेंगे। किसानों के उत्पाद को विदेश एक्सपोर्ट करने की एक पूरी पारदर्शी प्रक्रिया है जिसकी निगरानी सरकारी टीमें भी करती रहती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि किसान सीधे यह जान सकते हैं कि किस क्वालिटी का प्रोडक्ट उनको उगाना है और उसी हिसाब से अपने खेत में वह काम करते हैं।
किसानों के उत्पाद को सीधे खाड़ी के देशों तक एक्सपोर्ट करने वाले पहले उद्यमी
जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक भदोही जिले के शाश्वत पहले ऐसे उद्यमी हैं जो किसानों के उत्पाद को सीधे खाड़ी के देशों तक एक्सपोर्ट कर रहे हैं। गौरतलब है कि कालीन नगरी भदोही विश्व विख्यात कालीन के लिए प्रसिद्ध है पिछले कुछ सालों से कालीन उद्योग के लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए हैं और अब कृषि उत्पाद के एक्सपोर्ट में यहां के लोगों की जीविका के लिए वैकल्पिक साधन की भी व्यवस्था कर दी है।