कांग्रेस ने तेलंगाना की 119 सीटों में से 64 पर जीत दर्ज कर सत्ता हासिल की। वहीं पिछले चुनाव में 88 सीटें जीतकर भारत राष्ट्र समिति (BRS) थी जोकि इस बार 39 सीटें तक ही रह गयी, जिसके के कारण चंद्रशेखर राव लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने से रह गए।
रेवंत रेड्डी ने कामरेडी और कोडंगल से चुनाव लड़ा और कोडंगल से जीत हासिल की है, हालांकि कामरेडी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसे लेकर उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के बाद सराहा गया है। बता दें की कामरेड्डी सीट पर के. चंद्रशेखर राव ने भी चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही नेताओं को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कटिपल्ली वेंकट रमन रेड्डी ने हरा दिया। पार्टी की जीत का श्रेय रेवंत रेड्डी को दिया जा रहा है, जिन्होंने 2017 में कांग्रेस को जोआईं कर लिया था।रेड्डी का पोलिटिकल सफर बेहद ही रोमांचिक रहा है आपने 17 साल के राजनीतिक करियर में जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसद के बाद अब रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री बन गए है।आइए जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातों के बारे…
रेवंत रेड्डी की संपत्ति के बारे में जानकारी के अनुसार, उनके पास कुल 30 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है, जिसमें गाड़ियां, शेयर, बॉन्ड्स, कैश, बैंक बैलेंस, और जवाहारात शामिल हैं। उनके इनकम टैक्स रिटर्न की रिपोर्ट के मुताबिक, रेवंत रेड्डी के पास साल 2022-2023 वर्ष में 13,76,700 की कमाई की। वहीं 2021-2022 में उनकी कुल इनकम 14,31,580 थी। आप को जान कर हैरानी होगी की रेवंत रेड्डी के नाम पर केवल 2,18,93,343 की चल संपत्ति है, जबकि गीता रेड्डी उनकी पत्नी के नाम पर 2,92,68,009 की चल संपत्ति है। वहीं, अगर हम हम अचल संपत्ति की बात करें तो रेवंत रेड्डी के नाम पर 8,62,33,567 रुपये की प्रॉपर्टी है, जबकि गीता रेड्डी के नाम पर 15,02,67,225 रुपेय की अचल संपत्ति है।
क्रिमिनल केस की संख्या में रेवंत रेड्डी के खिलाफ 89 केस हैं, लेकिन इनमें से किसी भी मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। इनमें 34 केस आईपीसी की धारा 506 के तहत दर्ज हैं। यह धारा शांति भंग करने के मकसद से और जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी है। 21 केस सेक्शन धारा-153 के हैं, जो दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने के मामले हैं।