भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद शुक्रवार को राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत की और पहले ही दिन आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों एवं लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के लिए आवश्यक भावी कार्यक्रमों की रुपरेखा तय करने के लिए मंथन किया। तकरीबन साढ़े चार घंटे तक चली इस मैराथन बैठक के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पूरे समय मौजूद रहे। इस बैठक की शुरुआत उस दिन हुई जब जंतर-मंतर पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ का विरोध प्रदर्शन हुआ, केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए गए और देश में लोकतंत्र को खत्म किए जाने का आरोप लगाते हुए इसे बचाने के पक्ष में आवाज बुलंद की गई।
भाजपा की बैठक को लेकर पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह बैठक संगठनात्मक ढांचे को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सक्रिय करने और ‘मोदी की गारंटी’ को जनता के बीच अधिक से अधिक पहुंचाने पर केंद्रित रही। यह बैठक राजधानी स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय (विस्तार) में शुरु हुई। इस बैठक की अध्यक्षता जे पी नड्डा ने की। बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट 10 प्रतिशत और बढ़ाने के लिए बूथ स्तर पर बेहद सक्रियता से काम करने के संबंध में एक विषय रखा। बूथ प्रबंधन को चुनौती के रूप में लेने का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का बूथ प्रबंधन उदाहरण हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं यदि गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं तक सही से पहुंच जाएं तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। जाति आधारित जनगणना के विषय को तूल देने की विपक्षी दलों की कोशिशों की काट के लिए हाल के दिनों में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए गरीब, युवा, किसान और महिलाएं ही चार जातियां हैं और अगर इनका कल्याण हो जाए तो 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र होने से कोई नहीं रोक सकता।