
लखनऊ।
नवाबों का शहर लखनऊ अब हनुमान भक्ति के रंग में रंगने को तैयार है। हनुमान जी को समर्पित विशेष पर्व ‘बड़ा मंगल’ की शुरुआत कल से हो रही है। इस बार का पहला बड़ा मंगल 13 मई को पड़ रहा है और इसके साथ ही पूरे शहर में भक्ति, सेवा और श्रद्धा का उत्सव शुरू हो जाएगा। यह परंपरा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव, सहयोग और लोक सहभागिता का अनूठा उदाहरण बन चुकी है।

हनुमान मंदिरों में सजावट और तैयारियां तेज़
शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों – जैसे हनुमंतधाम , अलीगंज का पुराना व नया हनुमान मंदिर, अलीगंज सेक्टर-K स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर, हज़रतगंज का हनुमान सेतु मंदिर, अमीनाबाद का डालीगंज मंदिर, चौक स्थित पक्के पुल के पास का मंदिर – इन सभी जगहों पर सजावट और भक्तों की सुविधा के लिए व्यापक इंतज़ाम किए जा रहे हैं।

मंदिर प्रबंधन समितियों ने साफ-सफाई, विद्युत सज्जा, जल व्यवस्था, दर्शन-प्रवेश मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष योजना बनाई है। जगह-जगह बैरिकेडिंग, पंडाल और एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की जा रही है जिससे श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन का लाभ मिल सके।

क्यों विशेष होता है लखनऊ का बड़ा मंगल?
लखनऊ में ‘बड़ा मंगल’ एक परंपरा नहीं, बल्कि उत्सव है। यह उत्तर भारत में अपनी तरह का अकेला पर्व है जो पूरे ज्येष्ठ मास में हनुमान जी के प्रति समर्पित होता है। हर मंगलवार को हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा, हवन, भंडारे और सामाजिक आयोजन होते हैं। ऐसा विश्वास है कि नवाब वाजिद अली शाह के समय से यह परंपरा प्रारंभ हुई थी, जब एक हनुमान भक्त महिला ने नवाब की अनुमति से भंडारा लगाया और फिर यह परंपरा साल-दर-साल फैलती गई।
जगह-जगह लगेगा भंडारा, भक्ति के साथ सेवा का संगम
बड़े मंगल पर लखनऊ के गली-कूचों से लेकर मुख्य सड़कों तक सेवा और दान की एक लंबी श्रृंखला देखने को मिलती है। कल शहर में सैकड़ों स्थानों पर भंडारों का आयोजन होगा। कोई शरबत बांटेगा, कोई पूरी-सब्ज़ी, चने या हलवा; तो कहीं ठंडा जल और फल वितरण किया जाएगा। स्थानीय निवासी, व्यापारी संगठन, सामाजिक संस्थाएं, स्कूल-कॉलेज, यहां तक कि पुलिस और प्रशासनिक विभागों के कर्मचारी भी इसमें सहभागी बनते हैं।
भंडारों के साथ ही हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड, अखंड रामायण जैसे धार्मिक आयोजनों की भी योजना बनाई गई है।
प्रशासन सतर्क, ट्रैफिक और सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम
चूंकि बड़ा मंगल को लेकर शहर में भारी भीड़ उमड़ती है, इसलिए लखनऊ प्रशासन और पुलिस विभाग ने भी व्यापक इंतज़ाम किए हैं। मंदिरों के आसपास सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। यातायात विभाग ने वैकल्पिक रूट प्लान तैयार किया है ताकि दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
नगर निगम ने साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण और जल व्यवस्था के लिए विशेष टीमें तैनात की हैं। एंबुलेंस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी संवेदनशील स्थानों पर मौजूद रहेंगी।
डिजिटल भक्ति की भी दिखेगी झलक
इस बार कई मंदिरों ने सोशल मीडिया और यूट्यूब के माध्यम से लाइव दर्शन की सुविधा भी शुरू की है। इससे बुज़ुर्ग या असमर्थ लोग घर बैठे ही हनुमान जी के दर्शन कर सकेंगे। भक्तों के लिए QR कोड आधारित दान-पेटी की सुविधा भी कई जगह लगाई गई है।
भावनाओं और एकता का प्रतीक
लखनऊ का बड़ा मंगल केवल धार्मिक पर्व नहीं है, यह एक ऐसी परंपरा है जिसमें धर्म, जाति, वर्ग, भाषा सबका भेद मिट जाता है। हर गली में, हर मोहल्ले में लोग अपने संसाधनों से भंडारा लगाते हैं, बिना किसी अपेक्षा के। यह पर्व सेवा, करुणा और सहयोग का सबसे जीवंत उदाहरण है। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी मिलकर इस उत्सव में भाग लेते हैं। यही कारण है कि बड़ा मंगल लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
शहर के लोगों में इस बार के पहले बड़े मंगल को लेकर खासा उत्साह है। कोरोना काल के बाद अब भक्तों को पूरी आज़ादी से भक्ति, सेवा और आयोजन करने का अवसर मिला है। हनुमान भक्तों का कहना है कि यह दिन संकटों को दूर करने वाला होता है और जो भी श्रद्धा से भंडारा करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।