लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में जल्द ही बड़ा प्रशासनिक बदलाव देखने को मिलेगा। आगामी 31 मई 2025 को प्रदेश के सात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम डीजीपी प्रशांत कुमार का है, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। उनके साथ-साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री, डीजी टेलीकॉम संजय एम तरडे सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इसी तारीख को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इस सामूहिक सेवानिवृत्ति से पुलिस प्रशासन में खाली होने वाले पदों पर नई नियुक्तियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। शासन स्तर पर तैयारी शुरू हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में इन पदों को भरने की प्रक्रिया तेज हो सकती है।
सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों की सूची इस प्रकार है:
- प्रशांत कुमार (DGP, उत्तर प्रदेश):
उत्तर प्रदेश के मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। अपने लंबे सेवाकाल में उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर कई साहसिक और निर्णायक कदम उठाए। खासकर माफिया और संगठित अपराध के विरुद्ध चलाए गए अभियानों में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। - पीवी रामाशास्त्री (DG, जेल):
राज्य की जेल व्यवस्था में सुधार के लिए जाने जाने वाले पीवी रामाशास्त्री का नाम भी इस सूची में शामिल है। उनके कार्यकाल में जेलों में निगरानी व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र को लेकर कई तकनीकी सुधार हुए। - संजय एम तरडे (DG, टेलीकॉम):
टेलीकॉम विंग में साइबर सुरक्षा और तकनीकी निगरानी को आधुनिक स्वरूप देने में संजय तरडे की प्रमुख भूमिका रही है। - भारती सिंह (IG):
महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चित रहीं भारती सिंह कई महत्वपूर्ण जिलों में नेतृत्व की भूमिका निभा चुकी हैं। - किरण यादव (DIG):
मध्यम स्तर के नेतृत्व में सक्रिय रहीं किरण यादव ने कई बार संवेदनशील क्षेत्रों में बेहतर पुलिस प्रबंधन का उदाहरण पेश किया। - अरविंद चतुर्वेदी (IPS):
लंबे समय से प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय रहे अरविंद चतुर्वेदी ने प्रशिक्षण व नीति निर्माण में विशेष योगदान दिया है। - तेज स्वरूप सिंह (IPS):
अनुशासन और सजगता के लिए पहचाने जाने वाले तेज स्वरूप सिंह ने अपने सेवाकाल में कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक साथ सेवानिवृत्ति से प्रदेश के पुलिस विभाग में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। शासन स्तर पर इनके स्थान पर योग्य अधिकारियों की तैनाती के लिए नामों पर मंथन शुरू हो चुका है।