दिल्ली के रिहायशी इलाकों में पार्किंग शुल्क वसूलने का नहीं है किसी को अधिकार

अमर भारती : सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि दिल्ली के रिहायशी इलाकों में अभी किसी को भी पार्किंग शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है। दरअसल इस मामले में ईपीसीए के सुझाव पर दिल्ली सरकार के विरोध का सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया है।

बता दें कि जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष पेश दिल्ली सरकार के वकील ने ईपीसीए के सुझाव पर आपत्ति जताई थी। इससे पहले ईपीसीए ने सुझाव दिया था कि आरडब्ल्यूए से विचार-विमर्श के बाद नागरिकों से मासिक आधार पर एकमुश्त पार्किंग शुल्क लिया जाए। सरकार की आपत्ति पर पीठ ने कहा कि हमने अभी किसी को भी किसी भी व्यक्ति से कुछ भी शुल्क वसूलने की अनुमति नहीं दी है।

गौरतलब है कि ईपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट और उससे लगते रिहायशी इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पार्किंग क्षेत्र प्रबंधन की पहल की है। वहीं प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट को मदद करने वाली अमाइकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने पीठ को बताया कि दिल्ली के तीनों नगर निगम राजधानी में यह पायलट प्रोजेक्ट चलाने पर राजी हैं।

बताया जा रहा है कि जहां पर भी यह पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है वहां अब सुप्रीम कोर्ट के दखल देने के बाद रोक लग सकती है। अब ऐसे में लोगो को गाड़ी खड़ी करने में काफी राहत मिल सकती है।