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रहस्यमयी संयोगों से भरा होगा ये दिन ?- Amar Bharti Media Group धर्म

रहस्यमयी संयोगों से भरा होगा ये दिन ?

14 दिसंबर 2020 यानी आज का दिन एक नहीं बल्कि कई रहस्यमयी संयोगों से भरा हुआ है. ये दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) के अलावा कई अद्भुत खगोलीय घटनाओं का गवाह बनेगा. ये ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा. इस साल ऐसा आखिरी बार होगा जब सूरज पर ग्रहण की छाया पड़ेगी. भारतीय समयानुसार ये ग्रहण शाम 07 बजकर 03 मिनट से रात 12 बजकर 23 मिनट तक लगेगा. आइए जानते हैं ये ग्रहण क्यों खास है और देश दुनिया पर इसका क्या असर होगा.

भारत में नहीं दिखेगा ग्रहण

ये सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूरी तरह दिखाई देगा. भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि ग्रहण तब लगेगा जब भारत में सूरज अस्त हो चुका होगा. इसलिए ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखाई देगा जहां इस दौरान सूर्योदय रहेगा.

क्या भारत पर भी पड़ेगा असर

आप सोच रहे होंगे कि भारत में सूर्यग्रहण दिखाई देगा नहीं तो फिर ग्रहण के शुभ-अशुभ परिणामों से भय कैसा. आपको बता दें कि साल का आखिरी सूर्यग्रहण भले ही भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इसके प्रभावों से लोग अछूते नहीं रह पाएंगे, क्योंकि इस सूर्यग्रहण पर चार ग्रहों का संयोग बनने जा रहा है. सभी राशियों पर इसका प्रभाव अलग होगा.

चार ग्रहों का संयोग

इस ग्रहण में सूर्य का संयोग केतु से बनेगा. साथ ही इस ग्रहण में चन्द्रमा और शुक्र का योग भी होगा. सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बन सकती है. राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मच सकती है. वृश्चिक राशि विष की राशि है, जिसमें ये ग्रहण लगेगा. लिहाजा बीमारियां और स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ेंगी. आकस्मिक दुर्घटनाओं और त्रासदी जैसी स्थितियां बन सकती हैं. इसका प्रभाव लगभग 15 दिनों तक बना रहेगा.

गुरु चंडाल योग से भी खतरा

ज्योतिषविदों के मुताबिक, इस साल सूर्य ग्रहण पर एक बेहद अशुभ योग बनने जा रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान इस बार गुरु चंडाल योग बनेगा. राहु और गुरु के एक ही स्थान पर बैठने से गुरु चंडाल योग बनता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि पर गुरु चंडाल योग का सबसे बुरा असर पड़ सकता है.

देश-दुनिया पर कैसा असर

सीमा पर चीन और पाकिस्तान की ओर से जहां खतरा लगातार बना हुआ है. वहीं देश के अंदरूनी हिस्सों में सरकार के लिए सबसे बड़ा संकट किसान आंदोलन है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, इस समय राजनैतिक रूप से भयंकर उथल-पुथल मच सकती है. राहत की बात है कि इस बार सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सीधा बुरा प्रभाव भारत में लोगों पर पड़ने की संभावना कम है, लेकिन इसका असर कुछ ना कुछ जरूर पड़ेगा.

प्राकृतिक आपदाओं से खतरा

दुनिया में इस वक्त उथल-पुथल मची हुई है. साल 2020 की शुरुआत डर और दहशत के माहौल में हुई जब चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया था. तबाही का वो दौर अब भी खत्म नहीं हुआ. हालांकि वैक्सीन की दस्तक ने जरूर लोगों की उम्मीदें बढ़ाई हैं. हालांकि खतरा यहीं तक सीमित नहीं है. बार-बार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में दो पड़ोसी मुल्कों के बीच जंग और तनाव गहरा रहा है.

कैसे कम होगा ग्रहण का प्रभाव

सूर्यग्रहण के दौरान और बाद में सावधानी बरतना बेहद आवश्यक होती है. ज्योतिषीय उपायों से ग्रहण के दोष तो कम होते ही हैं, साथ ही ईश्वरीय कृपा भी मिलती है. किसी भी ग्रहण का प्रभाव अगले 15 दिनों तक बना रहता है. इसलिए ज्योतिषीय उपाय जरूर कर लेने चाहिए. दूसरा, ग्रहण अवधि समाप्त होने के बाद हमें स्नान अवश्य करना चाहिए, इससे ग्रहण का असर काफी हद तक कम हो जाता है.