चांदनी चौक में हनुमान मंदिर को लेकर बवाल, सड़क पर उतरे ये संगठन

दिल्ली के चांदनी चौक में चल रहे सौंदर्यीकरण के दौरान तोड़े गए हनुमान मंदिर को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. वहीं, कांग्रेस भी इस घमासान में कूद पड़ी है. सियासी बयानबाजी के अलावा आज कुछ हिंदू संगठनों के लोग भी चांदनी चौक पहुंच गए और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

दरअअसल, चांदनी चौक में सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है जिसके लिए वहां मौजूद हनुमान मंदिर को तोड़ दिया गया है. इस मसले पर अब सियासत भी तेज हो रही है.

दिल्ली भाजपा ने मांग की है कि दिल्ली सरकार चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण की योजना को री-डिजाइन करके वहां हनुमान मंदिर को पुनः स्थापित करने की व्यवस्था करे. वहीं पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी कहा है कि भाजपा शासित एमसीडी ने पहले सैकड़ों वर्ष पुराना हनुमान मंदिर तोड़ा और अब जनता के आक्रोश से बचने व अपने जघन्य अपराध को छिपाने के लिए आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा रही है. जबकि कांग्रेस ने आप और भाजपा दोनों को घेरा है.

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, “चांदनी चौक में मंदिर के पुनः निर्माण के लिए जल्द ही उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस संदर्भ में पार्टी हस्तक्षेप करने की मांग करेगी.” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि “दिल्ली धार्मिक समिति के मंत्री सत्येंद्र जैन हैं और अगर वह चाहते तो धार्मिक समिति में इस मामले का समाधान कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.”

आदेश गुप्ता का कहना है कि सौंदर्यीकरण का काम शुरू होने पर वहां के स्थानीय आरडब्ल्यूए, स्टेकहोल्डर, बाजार संघ, व्यापार संघ ने इसका विरोध किया था लेकिन दिल्ली सरकार ने काम नहीं रोका. दिल्ली BJP विधायक और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि मंदिर के टूटने से लोगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी और कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए मंदिर को न तोड़ा जाए.

आम आदमी पार्टी ने किया पलटवार

आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि “भाजपा शासित एमसीडी ने पहले चांदनी चौक स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना हनुमान मंदिर तोड़ दिया और अब जनता के आक्रोश से बचने व अपने जघन्य अपराध को छिपाने के आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा रही है. प्राचीन मंदिर को तोड़ने के लिए सीधे तौर पर भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के बड़े नेता जिम्मेदार हैं. इस जघन्य अपराध के लिए इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

दुर्गेश पाठक ने दावा किया कि “भाजपा शासित नगर निगम द्वारा कोर्ट में हलफनामा दायर करके यह बात कही गई है कि यह मंदिर अतिक्रमित जमीन पर बना हुआ है और हम इस हनुमान मंदिर को तोड़ना चाहते हैं, जिस पर कोर्ट ने उन्हें तोड़ने की अनुमति दी.” पाठक ने कहा कि कहीं भारतीय जनता पार्टी की असलियत जनता के सामने न आ जाए, कहीं भाजपा को जनता के विरोध का सामना न करना पड़ जाए, इसलिए रात के अंधेरे में जब सब लोग सो रहे होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी ने दिल्ली पुलिस के संरक्षण में सैकड़ों वर्ष पुराने प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ गिराया.

कांग्रेस ने AAP और बीजेपी को घेरा

हनुमान मंदिर को लेकर आप और बीजेपी में चल रहे वार-पलटवार के बीच दिल्ली कांग्रेस ने मंदिर तोड़े जाने के लिए एमसीडी और दिल्ली सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि “दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार की सहमति से ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंदिर को हटाया है.” चौधरी ने कहा कि एक समान प्रक्रिया के तहत यदि किसी धार्मिक ढांचे/मंदिर को तोड़ा जाए तो उसे विस्थापित करने के लिए वैकल्पिक स्थान मुहैया कराया जाना चाहिए.