अवसाद से विजय की ओर ले जाती है गीता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार यानी आज स्वामी चिद्भवानंद की भगवद गीता का ई-बुक वर्जन लॉन्च किया है। इसी बीच पीएम मोदी ने कई बड़ी बातें बोलीं और युवाओं को गीता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया।
युवाओं को गीता पढ़ना ज़रूरी
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आज के युवाओं को गीता जरूर पढ़नी चाहिए, जो आपकी जिंदगी में समस्याओं से लड़ने की सीख देगी। उन्होंने आगे कहा कि गीता आपको सवाल जवाब करने की प्रेरणा देगी। साथ ही आपको सही गलत में अंतर समझने में भी मदद मिलेगी।
सवाल करने के लिए प्रेरित करती गीता
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज के समय मे ई-बुक का चलन होता जा रहा है। यह कोशिश गीता के विचार से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने का प्रयास है। गीता हमें सोचने पर मजबूर करती है। उन्होंने कहा कि गीता हमे सवाल करने के लिए प्रेरित करती है। यह बहस को प्रोत्साहित करती है और दिमाग को खुला रखने में मदद करती है। उनका कहना है कि गीता से प्रेरित कोई भी व्यक्ति अपने स्वभाव से दयालु और लोकतांत्रिक होगा।
कोरोना से लड़ने में गीता की अहम भूमिका
पीएम मोदी ने कहा गीता आपको ताकत देती है, जिससे आप किसी भी तरह की समस्याओं का हल निकाल सकते है। बात करें कोरोना काल की, तो गीता की प्रेरणा ने लोगों को इस बीमारी से लड़ने की ताकत दी। पिछले साल एक आर्टिकल में भी कोरोना काल को गीता से जोड़कर देखा गया था, जिसमे डॉक्टरों को अर्जुन और हॉस्पिटल को युद्धस्थल बताया गया था।
अवसाद से विजय तक का रास्ता
गीता हमेशा विचार करने के लिए प्रेरित करती है, यह हमें कुछ नया करने के लिए प्रेरणा देती है। भगवत गीता उन सभी विचारों का मिला जुला रुप है, जो आपको अवसाद से विजय तक ले जाती है। उन्होंने अपने भाषण में महात्मा गांधी और लोकमान्य तिलक का जिक्र करते हुए कहा कि, हर कोई गीता से प्रभावित रहा है।
आत्मनिर्भरता की ओर भारत
आज देश के हर व्यक्ति ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का तय किया है। आत्मनिर्भर भारत दुनिया के लिए काम करेगा। कोरोना काल में भारत ने दुनिया को राहत पहुंचाई और अभी भी भारत कोरोना वैक्सीन दुनिया के कई देशों तक पहुंचा रहा है।