नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी विधायक बृहस्पति सिंह पर हुए हमले की गूंज अब विधानसभा तक पहुंच गई है। इस मामले को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। इसी बीच मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव आमने सामने आए। अपनी ही सरकार के विरोध में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सदन का बहिष्कार कर दिया। टी एस सिंहदेव ने कहा कि रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक पर हुए हमले पर जब तक सरकार जांच का आदेश नहीं देती या बयान नहीं देती तब तक वह खुद को इस प्रतिष्ठित सदन का हिस्सा बनने योग्य नहीं रहेंगे।
कांग्रेसी विधायक पर हमला
बता दें कि पिछले हफ्ते 23 जुलाई को देर रात सरजुगा से कांग्रेसी विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमला किया गया था। कुछ युवकों ने उनकी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। इस हमले के आरोपियों में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के रिश्तेदारों का नाम सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों के गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है। विधायक का कहना है कि पार्टी का एक गुट उनसे खुश नहीं है जिस वजह से उन पर यह हमला करवाया गया। विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा था कि बीते दिनों उन्होंने बघेल की प्रशंसा की थी और कहा था कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। यह बयान स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को पसंद नहीं आया और बाद में उनके काफिले पर हमला किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने की जांच की मांग
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने इस मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने अपने उपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया उनपर पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया है जब तक इस मामले में जांच के आदेश नहीं दिए जाएंगे वो सदन में शामिल नहीं होंगे। फिलहाल इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव आमने-सामने हैं।