
देशभर में गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की स्थिति को लेकर ताज़ा जानकारी जारी करते हुए बताया है कि मानसून ने उत्तर भारत की ओर रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की उत्तरी सीमा (Northern Limit of Monsoon – NLM) अब 25.0°N/60°E, 25.0°N/65°E, 25.5°N/70°E, बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर, ग्वालियर, खजुराहो, सोनभद्र, गया और 30.5°N/82.5°E तक पहुँच चुकी है। यानी राजस्थान, मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में मानसून का प्रवेश हो चुका है।
आईएमडी के अनुसार आने वाले 2 से 3 दिनों के भीतर मानसून के और आगे बढ़ने की परिस्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं। इसके तहत उत्तर अरब सागर के शेष हिस्सों, राजस्थान के शेष हिस्सों, मध्यप्रदेश के बाकी भागों, उत्तर प्रदेश के और अधिक हिस्सों, बिहार के शेष क्षेत्रों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना जताई गई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की यह प्रगति सामान्य समय के आसपास हो रही है, जिससे किसानों को खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू करने में आसानी होगी। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के किसान, जो धान, मक्का और अन्य खरीफ फसलों पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए यह मौसम बहुत अहम होता है। पर्याप्त और समय से वर्षा उनके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
इस बीच, गर्मी से बेहाल जनता को भी आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है। कई शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चल रहा था, जो अब बारिश के चलते गिरने की संभावना है। राजधानी दिल्ली, लखनऊ, पटना, जयपुर, भोपाल जैसे बड़े शहरों में अगले सप्ताह से अच्छी बारिश के आसार हैं।
मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने मौसम तंत्रों ने मानसून की गति को सहारा दिया है। इस वर्ष मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई गई है, जिससे कृषि, जल प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
वहीं प्रशासन और नगर निकायों के लिए भी यह समय चुनौतीपूर्ण होता है। बारिश के कारण जलभराव, ट्रैफिक जाम और बीमारियों की आशंका रहती है, इसलिए समय रहते सफाई, नाला सफाई और जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने की ज़रूरत है।
कुल मिलाकर, मानसून की रफ्तार ने देश के करोड़ों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मानसून कितनी जल्दी पूरे उत्तर भारत को कवर करता है।