18 अक्टूबर को मनाई जाएगी धनतेरस: जानिए पूजा का सही मुहूर्त और विधि, जिससे घर में आएगी सुख-समृद्धि

इस वर्ष धनतेरस का शुभ पर्व 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा। दीपावली की शुरुआत इसी दिन से होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व होता है।

🌕 शुभ मुहूर्त:
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, धनतेरस की पूजा शाम 6:29 बजे से रात 8:28 बजे तक करना अत्यंत शुभ रहेगा। यह समय प्रदोष काल का है, जो मां लक्ष्मी की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

🌿 कैसे करें धनतेरस की पूजा:

  1. पूजन स्थल की तैयारी: घर के उत्तर-पूर्व दिशा को साफ करके लाल या पीले कपड़े पर पूजन सामग्री सजाएं।
  2. देवी-देवताओं की स्थापना: भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  3. सामग्री रखें: दीपक, धूप, पुष्प, फल, मिठाई, चावल, रोली, चांदी या तांबे के बर्तन, नई झाड़ू और सिक्के रखें।
  4. पूजन विधि:

भगवान धन्वंतरि को तुलसी और पंचामृत अर्पित करें, ताकि परिवार में स्वास्थ्य बना रहे।

मां लक्ष्मी की आराधना कमल पुष्प और दीपक से करें, और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।

कुबेर देव को चावल और सिक्के अर्पित करें, ताकि धन की वृद्धि हो।

मुख्य द्वार पर चौमुखा दीपक जलाना शुभ माना गया है।

🪔 क्या खरीदें धनतेरस पर:
इस दिन सोना, चांदी, तांबे या स्टील के बर्तन खरीदना शुभ होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार नई झाड़ू, तुलसी का पौधा या लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदना भी सुख और समृद्धि का प्रतीक है।

🌼 संदेश:
धनतेरस केवल खरीदारी का नहीं, बल्कि धन और स्वास्थ्य दोनों के संतुलन का पर्व है। इस दिन श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा करने पर घर में लक्ष्मी की कृपा और धन्वंतरि के आशीर्वाद से आयु-आरोग्य की वृद्धि होती है।