आखिर निर्भया के दोषी की जज ने क्यों ठुकरा दी दया याचिका

अमर भारती : राजधानी दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया रेप केस के 4 दोषियों में से एक अक्षय की रिव्यू पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अक्षय की दया याचिका को खारिज कर दिया गया है। पटियाला हाई कोर्ट में डेथ वारंट पर सुनवाई टल गई है। इस पर अब 7 जनवरी को सुनवाई होगी।

बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस मामले में सभी तर्कों को सुना जा चुका है, याचिकाकर्ताओं की ओर से कोई भी ऐसी दलील नहीं दी गई जिसके आधार पर रिव्यू पिटीशन को स्वीकार किया जाए।सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट के द्वारा पहले ही जांच को पूरी तरह से परखा जा चुका है। हमें इन दलीलों में कुछ नया नहीं दिख रहा है, इसी आधार पर पुनर्विचार याचिका को तुरंत खारिज किया जाता है।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से जो प्रक्रिया की जांच की मांग की है, उसे स्वीकारा नहीं जा सकता है। ट्रायल की प्रक्रिया सही हुई है, उसमें कोई भी खामी नहीं है।

दोषियों के वकीलों ने दया याचिका फाइल करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा है, लेकिन सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि इसके लिए सिर्फ एक हफ्ता ही दिया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि वह इसपर कोई विचार नहीं रखेंगे, इसपर दोषी को तय करना है कि वह तय समय में याचिका दायर करे।

बुधवार को जस्टिस भानुमति की अगुवाई वाली बेंच ने इस पुनर्विचार याचिका को ठुकरा दिया, इस बेंच में जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. बोपन्ना शामिल थे।

बता दें कि 2012 के इस मामले में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। चार दोषियों में से एक अक्षय ने फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी, इसी वजह से पटियाला हाउस  कोर्ट में डेथ वारंट को लेकर जारी सुनवाई रुक गई थी।

रिपोर्ट- खुशबू सिंह