यूजर का वैक्सीन स्टेटस और टेस्ट के नतीजे बताएगा सर्टिफिकेट
नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के जन्मदाता चीन में इन दिनों वायरस पासपोर्ट को लेकर चर्चा जोरों पर है। चीन द्वारा अपने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ‘हेल्थ सर्टिफिकेट प्रोग्राम’ की शुरुआत की गई है। चीन ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। यानी, अब चीन में आने और बाहर जाने वालों के पास एक डिजिटल सर्टिफिकेट होगा, जो यूजर का वैक्सीन स्टेटस और टेस्ट के नतीजे बताएगा।
दुनिया का पहला वायरस पासपोर्ट
यह सर्टिफिकेट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट के जरिए उपलब्ध रहेंगे। चीन की सरकार ने 8 मार्च से इसकी शुरुआत की है। ये सर्टिफिकेट केवल चीनी नागरिकों के लिए उपलब्ध होगा। फिलहाल इसे अनिवार्य नहीं किया गया है। डिजिटल फॉर्मेट के अलावा ये सर्टिफिकेट कागज के फॉर्म में भी रहेगा। इसे दुनिया का पहला वायरस पासपोर्ट कहा जा रहा है।
अमेरिका और ब्रिटेन भी कर रहे विचार
अमेरिका और ब्रिटेन भी उन देशों में शामिल हैं, जो फिलहाल ऐसे सर्टिफिकेट को लागू करने की सोच रहे हैं। यूरोपियन संघ भी वैक्सीन ‘ग्रीन पास’ पर काम कर रहा है। इसके जरिए नागरिक संघ के सदस्य देश और दूसरे विदेश जा सकेंगे।
क्यूआर कोड होगा शामिल
चीन की न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में शुरू हुए इस कार्यक्रम में एक क्यूआर कोड शामिल होगा। जो सभी देशों को यात्री के स्वास्थ्य की जानकारी देगा। चीन में घरेलू पासपोर्ट और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर प्रवेश के लिए वीचेट और दूसरी चीनी स्मार्टफोन ऐप में मौजूद क्यूआर कोड की जरूरत होती है।