बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं : आज मनाया जाता है ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान

नई दिल्ली। बेटियों को सम्मान दिलाने के लिए शुरू किया गया सेल्फी विद डॉटर अभियान, अब 6 साल का सफर पूरा कर चुका है। इस सफर की शुरुआत 9 जून 2015 को हरियाणा से हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के साथ ही सेल्फी विद डॉटर की भी शुरुआत हुई। कुछ ही दिनों बाद इस अभियान पर पीएम की नजर पड़ी और ‘मन की बात’ में जमकर सराहना की। इतना ही नहीं पीएम, ने विदेशों में भी सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र किया और इसे आगे बढ़ाने की अपील भी की।

सरपंच जागलान ने शुरू की स्पर्धा

पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि हरियाणा के बीबीपुर गांव के सरपंच सुनील जागलान ने सेल्फी विद डॉटर की स्पर्धा शुरू की। अब माहौल ऐसा बन गया कि, हर पिता अपनी बेटी के साथ सेल्फी निकाल कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगे। ये कल्पना मुझे काफी अच्छी लगी।

Sunil Jaglan with his daughters (Source: Indian Express)

पीएम ने किया प्रमोट तो ग्लोबल हुआ अभियान

वहीं सेल्फी विद डॉटर अभियान के फाउंडर सुनील जागलान कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान को ग्लोबली प्रमोट किया। इसी वजह से इसकी विदेशों में भी पहुंच संभव हो सकी। खुशी की बात ये कि आज के दिन नेपाल की बेस्ट थ्री सेल्फी विद डॉटर को अवार्ड देने जा रहे हैं।
पीएम मोदी की अपील का ऐसा असर हुआ है, सेल्फी विद डॉटर अभियान मुल्क की सरहदों को लांघ कर दूसरे मुल्क में भी दाखिल हो गया है। महज 6 साल के अपने सफर में सेल्फी विद डॉटर अभियान 9 जून 2021 से नेपाल में भी दस्तक दे रहा है।

सेल्फी विद डॉटर अभियान का सफर

सेल्फी विद डॉटर अभियान ने अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आगे बढ़ कर खूब सुर्खियां बटोरी। 9 जून 2017 में राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सेल्फी विद डॉटर ऐप और फाउंडेशन की शुरुआत की। 2017 में सेल्फी विद डॉटर क्लासेज की शुरुआत हुई, जिसके तहत स्कूलों में संवेदनशीलता पर कक्षाएं शुरू की गई। मार्च 2020 में लॉकडाउन में सेल्फी विद डॉटर एक बार फिर वायरल हुआ।

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