अमर भारती : राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है। लेकिन अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सवाल किया है आखिर गड़बड़ी कहां है? यह सवाल हाईकोर्ट ने राजधानी में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों व उनकी सुरक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए दिल्ली पुलिस से पूछा है।
बता दें कि हाईकोर्ट ने दिल्ली की तुलना में मुंबई को रखा और कहा कि जब मुंबई में रात को महिलाएं घूम सकती हैं तो देश की राजधानी में क्यों नहीं? जबकि मुंबई के मुकाबले यहां सर्वश्रेष्ठ संसाधन व अनुभवी अधिकारी हैं। क्या मुबंई की तरह राजधानी में भी महिलाओं को सुरक्षा नहीं दी जा सकती?
न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को महिलाओं के लिए अपराध को खत्म करने की योजना बनाए।
इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार के मुख्य सचिव भी इस मुद्दे पर संबंधित पक्षों के साथ बैठक करें और उसे अमली जामा पहनाएं। खंडपीठ ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए रखे गए कोष का इस्तेमाल सीसीटीवी कैमरा व सड़कों पर लाइट लगाने में खर्च करने पर अपनी सहमति दी है।