‘सिर फोड़ने’ का बयान देने वाले करनाल के पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। करनाल में रातभर से किसानों का धरना जारी है। कल शाम से किसानों ने मिनी सचिवालय का घेराव कर रखा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने करनाल के पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मुज्जफरनगर की महापंचायत के बाद अब किसानों ने हरियाणा का रुख किया है। प्रशासन के साथ तीन दौर की बातचीत विफल होने के बाद किसानों ने मिनी सचिवालय का घेराव किया है। किसानों की तरफ से यह बात स्पष्ट कर दी गई है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें पूरी नहीं करेगा तब तक यह धरना जारी रहेगा। करनाल में आज भी इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद की गई हैं।
‘सिर फोड़ने’ वाले बयान देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग
किसान नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि, “मैं उम्मीद करता हूं कि यह धरना सिंघु, टिकरी या गाजीपुर बॉर्डर की तरह नहीं होगा। हमारी बहुत छोटी-सी मांग है, जिस अफसर ने किसान का सिर फोड़ने की बात की, उस पर कार्रवाई करो और जिन किसानों को चोट लगी उनको मुआवज़ा दो। इतनी छोटी-सी बात के लिए महीनों धरना चलाने का कोई इरादा नहीं। मुझे उम्मीद है सरकार को अक्ल आ जाएगी, क्योंकि जितना खीचेंगे उतना महंगा होता जाएगा। आयुष सिन्हा की जांच हो और निलंबन हो उससे पहले धरना खत्म नहीं होगा।”
इंटरनेट सेवाएं बंद, धारा 144 लागू
करनाल में 28 अगस्त को किसानों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर इस महापंचायत का आयोजन किया गया। मंगलवार को महापंचायत से पहले ही शहर में सख्त प्रबंध देखने को मिले। करनाल में धारा 144 लगा दी गई। करनाल समेत 5 जिलों में आधी रात से ही इंटरनेट सेवाएं और एसएमेस सर्विस बंद कर दी गई। साथ ही दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाले रास्तों को भी बदल दिया गया था। करनाल में अनाज मंडी और उसके आस पास के इलाकों में 40 कंपनियां तैनात हैं।