नई दिल्ली। संकिसा विवादित स्तूप पर चढ़कर बौद्ध धर्मियों नें मन्दिर को क्षतिग्रस्त कर उसके ऊपर पंचशील ध्वज लगा दिया। जिसके बाद संकिसा के शांति वातावरण में अराजकता का जहर घुल गया। संकिसा की फिजा पर आक्रोश फैल गया। जिसके बाद डीएम-एसपी मौके पर पंहुचे और आक्रोशित सनातन धर्मियों को शांत कर लिखित आश्वासन दिया। जिसके बाद जाम खोला का सका। दरअसल संकिसा स्थित धार्मिक स्थल पर बौद्ध अनुयायियों का दावा है कि यह बौद्ध स्तूप है। यहीं पर भगवान बुद्ध का स्वर्गावतरण हुआ था। उधर सनातनधर्मियों का दावा है कि धार्मिक स्थल पर मां बिसारी देवी का प्राचीन मंदिर है। यहां हनुमान जी की प्रतिमा भी स्थापित है। यह सनातनधर्मियों की जगह है। इस धार्मिक स्थल पर दावे को लेकर करीब 40 वर्ष बौद्ध व सनातनधर्मियों के बीच कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। बुधवार को धम्म यात्रा निकालनें के दौरान बौद्ध अनुयायियों के बीच कुछ अराजक तत्व विवादित टीले पर स्थित बिसारी देवी के मन्दिर पर चढ़े और उनके ऊपर लगा भगवा झंडा नीचे फेंककर उस पर पंचशील ध्वज लगा दिया था। जिससे आक्रोशित सनातन धर्मियों नें जाम लगा दिया। स्तूप के निकट सैकड़ों बौद्ध अनुयायियों को चारो तरफ से घेर लिया।
बिसारी देवी के मन्दिर में की गयी तोड़फोड़ को ठीक कराया पुन: पूर्ववत की जायेगी
जाम की सूचना पर जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा,एसडीएम सदर अनिल कुमारम सीओ सोहराब आलम, थानाध्यक्ष देवी प्रसाद गौतम आदि आ गये। डीएम नें जाम लगाये सनातन धर्मियों से वार्ता की। काफी देर चली वार्ता के बाद आखिर लिखित आश्वासन पर ग्रामीण मान गये। डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर अनिल कुमार नें लिखित में दिया कि बिसारी देवी के मन्दिर में की गयी तोड़फोड़ को ठीक करावाकर पुन: पूर्ववत की जायेगी।