किसानो की आय दोगुना करने के लिए वचनबद्द है सरकार



#भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यलाय लखनऊ द्वारा आज आर्थिक पैकेज और कृषि क्षेत्र को लेकर एक सेमीनार का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि के रुप में सेमीनार में विचार व्यक्त करते हुए उतर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के जिस आर्थिक पैकेज का एलान किया है उसमें खेती और इससे जुड़े उद्दोगों को पूरी तरजीह दी गयी है।

 

किसानों को 6000 रुपये सलाना की सम्मान निधि

सरकार ने पहली बार ‘’एक देश एक बाजार’’ नीति को मंजूरी दी है।अभी तक किसानों को अपनी उपज बेंचने के लिए प्रदेश स्तर पर जो अवरोध थे वे इस मंजूरी के बाद समाप्त हो गये है। किसान अपनी सुविधा से अपना सामान देश के किसी भी कोने में बेंच सकेगा और उसकी उचित कीमत प्राप्त कर सकेगा।

श्री शाही ने कहा कि सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए ई-मार्केटिंग की सुविधा पर जोर दिया है। किसानों को 6000 रुपये सलाना की सम्मान निधि दी गयी है।

इससे वे खेती से जुड़े अपने छोटे मोटे खर्चे बगैर कर्ज लिए पूरा करते हैं। किसान क्रेडिट कार्डों की भी संख्या बढायी गयी है और जो भी पात्र किसान अभी तक इसके दायरे में नहीं आते थे।

उन्हे भी इसके दायरे मे लाया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पाद बाजार समिति का गठन करके सरकार ने एक युवान्तकारी कदम उठाया है इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है कि 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ा के दोगुना कर दिया जाए इसके लिए आर्थिक पैकेज में सरकार ने व्यापक उपाये किये गये  हैं।

सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढावा देने के लिए जहां एक और नियमों में आवश्यक बदलाव किए है वहीं दूसरी ओर किसानों को गौ-पालन के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है।

डेरी उद्दोग देश की  कुल अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मनरेगा के तहत गायों और बकरियों आदि के लिए शेड का उपाय कराये जाने  का प्रावधान है।

सरकार ने चारागाहों की भी विशेष रुप से व्यवस्था की है। इसेक अलावा नीली क्रांति पर विशेष रुप से ध्यान दिय गया है। समुद्रतटीय प्रदेशो की अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वूपर्ण भूमिका है।

 

उतर प्रदेश रोजगार अभियान

उतर प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों को मछली पालन के लिए विशेष रुप से प्रोत्साहित किया जा रहा है और उनको आर्थिक की मदद दी जा रही है। श्री शाही ने कहा कि औषधीय खेती को भी बढावा देने की नीति पहली बार अपनायी गयी है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों की रोजगार की दिशा में कई बड़े कदम उठाये हैं।आत्मनिर्भर उतर प्रदेश रोजगार अभियान में बड़ी संख्या में स्किल मैपिंग कराकर प्रवासी मजदूरो को काम दिया जा रहा है।

 

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वरिष्ठ अर्थशास्त्री एम के अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है उसमें कृषि और ग्रामीण विकास का हिस्सा करीब 40 प्रतिशत बैठता  है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि खेती को वैज्ञानिक रुप देने के लिए सरकार ने कानूनों में भी बदलावा किया है।नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्दालय कुमारगंज के वरिष्ठ प्रोफेसर डा. गजेंद्र सिंह ने कहा कि देश में आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने खेती ओर किसान के मुद्दे को इतनी गंभीरता के साथ लिया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानो की आय को दोगुना करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। मनरेगा के तहत पहली बार खेत के समतलीकरण, मछली पालने के लिए तालाब का निर्माण, जलसंचयन और वृक्षारोपण जैसे विषयो को शामिल किया गया है।

 

किसानों की आय को दोगुना

मोदी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता कृषि औऱ ग्रामीण विकास को व्यापक दृष्टिकोण से लेना है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान कर किसानों की आय को दोगुना करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

बुनियादी ढांचे से जुड़े फायदे भले ही तत्काल नहीं दिख रहे हों लेकिन इसके दूरगामी परिणाम सुनिश्चित है।
इससे पहले अपर महानिदेशक श्री आरपी सरोज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सेमीनार के विषय की स्थापना की और मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।

श्री सरोज ने कहा कि आज की इस सेमीनार में शामिल विद्धानों के विचार का फायदा आम जनता तक पहुंचेगा। जो इस सेमीनार की सार्थकता को शामिल करेगा।

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सेमीनार का संचालन उपनिदेशक मीडिया डा. श्रीकांत श्रीवास्तव ने किया। जबकि इसकी रुप रेखा और तकनिकी सहयोग एमसीओ सुन्दरम चौरसिया और टीए सुशील प्रजापति ने की।

सेमीनार में बड़ी संख्या में उतर प्रदेश के पत्रकारों तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय विभिन्न इकाइयों संबद्द अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

डा.श्रीकांत श्रीवास्तव/सुन्दरम चौरसिया