बलरामपुर कांड में आरोपी पक्ष ने दावा किया है आरोपी और पीड़िता का था अफेयर

बलरामपुर.  29 सितंबर को एक 22 वर्षीय युवती के साथ कथित गैंगरेप मामला प्रकाश में आया था. युवती के साथ दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने मारपीट भी की थी. अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में युवती ने दम तोड़ दिया था. लेकिन अब यह मामला उलझता नजर आ रहा है. एक तरफ जहां पीड़ित परिवार लगातार यह आरोप लगा रहा है कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ, वहीं आरोपियों के घर वालों का कहना है कि उनके दोनों बच्चे बेकसूर हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. इस मामले में 25 वर्षीय शाहिद और उसका 16 वर्षीय भतीजा मुख्य आरोपी हैं.

आरोपी पक्ष क्या कहता है?

शाहिद के भांजे का कहना है कि घटना के दिन वह अपने मामा के पास खाना लेकर दुकान पर गया था. वहां सुबह पीड़िता आई थी और आरोपी शाहिद के साथ कॉलेज में एडमिशन कराने गई थी. उसके बाद दोनों दुकान के पीछे बने कमरे में गए. आरोपी पक्ष का आरोप है कि लड़की ने शाहिद को बताया की उसकी मां बीते 2 दिनों से उसे पीट रही है और खाना भी नहीं दे रही.

शाहिद के भांजे ने मुताबिक, ”लड़की ने मामा (शाहिद) से कुछ खिलाने के लिए कहा, तो उन्होंने नमकीन और बिस्कुट दिया. मगर लड़की की हालत ठीक नहीं लग रही थी. उसने मामा से दवा दिलाने को कहा.

उन्होंने पड़ोस के एक डॉक्टर जियाउर्रहमान को पीड़िता के इलाज के लिए बुलाया, लेकिन डॉक्टर ने लड़की की हालत बहुत खराब देखकर इलाज करने से मना कर दिया. इसके बाद मामा ने पड़ोस के एक कंपाउंडर दोस्त को बुलाया. उसी ने पीड़िता को ग्लूकोज चढ़ाया. इसके बाद भी जब उसकी हालत में ज्यादा सुधार नहीं हुआ तो उन्होंने अपने दूसरे भांजे के साथ लड़की को रिक्शे पर बिठाकर घर भेजा.”

अगर शाहिद आरोपी है तो इलाज क्यों करवाता

आरोपी पक्ष का कहना है कि अगर शाहिद ने कोई अपराध किया होता तो वह लड़की को घर क्यों भेजता या उसका इलाज क्यों करवाता? इसके अलावा, परिवार का आरोप है कि पीड़िता शाहिद से मिलती-जुलती रहती थी. वह अक्सर शाहिद की दुकान पर आया करती थी.

पहले से ही पीड़िता और शाहिद के थे संबंध

सूत्रों के मुताबिक पुलिस को दिए बयान में शाहिद ने कहा है कि लड़की से उसके प्रेम संबंध थे और दोनों फोन पर बात किया करते थे. यह बात लड़की के फोन कॉल रिकॉर्ड से साबित भी होती है. इसके अलावा शाहिद लड़की के लिए रोज 200 रुपये अलग जमा किया करता था, जो कुल मिलाकर अब 32 हजार रुपये हो चुके थे.

शाहिद ने यह भी बताया कि पीड़िता पहले से बीमार चल रही थी और उसका लखनऊ में इलाज कराया जाता था. उसने दावा किया कि कुछ दिन पहले लड़की अपनी मां के साथ भी इलाज के लिए लखनऊ गई थी.

पीड़ित परिवार का पक्ष

दूसरी तरफ लड़की के परिवार वाले यह बात मानने को तैयार नहीं हैं कि उसके साथ केवल शाहिद ने दुष्कर्म किया है. हालांकि लड़की के माता-पिता को किसी दूसरे किसी व्यक्ति के नाम का अंदेशा नहीं है, लेकिन वह यह जरूर कह रहे हैं कि उस पर जो अत्याचार हुए वह 2 से ज्यादा लोगों का काम हो सकता है.

यानी परिवार का दावा है कि लड़की का गैंगरेप हुआ है. पीड़िता की मां ने यह भी कहा है कि लड़की को धक्का दिया गया था, जिस वजह से सोफे का कोना लगने से उसे चोट लग गई. जबकि आरोपी के परिवार का दावा है कि लड़की पहले से बीमार थी और मां से मारपीट होने की वजह से उसकी हालत और खराब हो गई थी जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.

इन अनसुलझे सवालों का अब तक कोई जवाब नहीं

दोनों परिवारों ने अपने पक्ष जरूर रख दिए हैं लेकिन इसमें अभी भी कई अनसुलझे सवाल हैं. जैसे, लड़की सुबह कॉलेज गई तब एकदम ठीक थी.

फिर दोपहर को उसकी हालत किस वजह से बिगड़ गई? दोपहर 1:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक लड़की और शाहिद के बीच कमरे में हुआ क्या? वहां कोई और भी था या नहीं? तीसरा सबसे बड़ा सवाल शाहिद ने लड़की का इलाज करवा कर उसे उसके घर क्यों भेजा? बता दें, दोनों परिवारों ने CBI जांच की मांग की है.