जम्मू-कश्मीर: प्रवासी मज़दूरों को पुलिस, सेना कैंप में शिफ्ट करने वाली एडवाइजरी झूठी, पुलिस ने अफवाह पर लगाया रोक

गैर स्थानीय लोगों को निशाना बना रहे आतंकी

migrant labourers killed in Kashmir

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सेना के एंटी टेरर ऑपरेशन से बौखलाए आतंकी एक के बाद एक मासूम प्रवासियों को अपनी बेरहमी का शिकार बना रहे हैं। आए दिन आतंकवाद की घटना से जूझ रहे कश्मीर में इन दिनों आतंकी गैर कश्मीरियों को अपना शिकार बना रहे हैं। दरअसल बीते रविवार को आतंकवादियों ने गैर स्थानीय मज़दूरों पर हमला कर दिया। जिसके बाद कश्मीर में अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वाले शरारती तत्व भी अपने काम में जुट गए। आपको बता दें कि रविवार को इसी तरह की अफ़वाह कश्मीर में फैला दी गई कि प्रवासी मजदूरों को सेना और पुलिस के कैंपों में शिफ़्ट किया जा रहा है। साथ ही यह भी बताया गया कि इसको लेकर सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। जिसे पुलिस ने अब पूरी तरह से झूठा बताया है।

पुलिस ने फैल रही अफवाह पर लगाया रोक

एडवाइजरी में कहा गया था कि कश्मीर में काम करने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को जिलों के पुलिस अफ़सर तत्काल प्रभाव से उनके आसपास के सेना और पुलिस के कैंप में शिफ़्ट करने जा रहे हैं। कहा गया था कि यह एडवाइजरी कश्मीर पुलिस के आईजी की ओर से जारी की गई है। लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हालात साफ करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर बताया कि यह पूरी तरह झूठ है।

एक हफ्ते में 11 लोगों की हत्या

बताना होगा कि कश्मीर में अपने आतंकी होने का प्रमाण देते हुए आतंकियों ने पिछले हफ्ते 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। रविवार को बिहार के रहने वाले दो मजदूरों की दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में गोली मारकर हत्या कर दी गई। शनिवार को भी बिहार के रहने वाले एक फेरीवाले और उत्तर प्रदेश के एक मजदूर की हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि गैर स्थानीय लोगों की यह सब हत्याएं टारगेट किलिंग के तहत हो रही है।

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