मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर को कुर्सी का ख़तरा
नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनावों में छह महीनों से भी कम का समय बचा है, लेकिन कांग्रेस की पंजाब ईकाई में अंधरूनी कलह तेज़ होती जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही सियासी मतभेद से पार्टी को आगामी चुनावों में गहरा असर पड़ सकता है। जिसे सुलझाने के लिए ही शायद शनिवार को शाम 5.30 बजे पंजाब के चंडीगढ़ में विधायकों की बैठक होगी। आपको बता दें कि बैठक में एआईसीसी के महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद होंगे। हरीश रावत के साथ कांग्रसे पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन व हरीश चौधरी भी शामिल होंगे। बैठक में सभी विधायकों की बात सुनी जाएगी। साथ ही बैठक की रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को सौंप दी जाएगी।
कैप्टन से विधायक दल नाराज़
बताया जा रहा है कि कैप्टन से निराश 40 विधायकों विधायकों ने आलाकमान को पत्र लिख कर यह बैठक बुलाने की मांग की थी। विधायकों के पत्र के बाद कांग्रेस आलाकमान ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बैठक बुलाई। साथ ही बताना होगा कि पंजाब कांग्रेस में दो प्रमुखों के बीच चल रही इस लड़ाई से विधायकों को भी चुनाव में पार्टी की छवि ख़राब होने का डर सता रहा है।
अमरिंदर के खिलाफ ला सकते है अविश्वास प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू गुट के कुछ विधायक पार्टी आलाकमान को यह कह सकते हैं कि उन्हें अमरिंदर सिंह पर विश्वास नहीं है और वे उनके खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि पार्टी किसी भी हाल में अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की इजाजत नहीं देगी लेकिन अमरिंदर सिंह को यह जरूर कड़ाई से समझाया जा सकता है कि वे विधायकों की बात को सुने और उनकी समस्याओं का हल निकालें।