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माँ ने वापस ली बेटे की जमानत, वही अदालत के सामने एसएचओ और जांचकर्ता की बोलती हुई बंद- Amar Bharti Media Group नई दिल्ली

माँ ने वापस ली बेटे की जमानत, वही अदालत के सामने एसएचओ और जांचकर्ता की बोलती हुई बंद

Who Are Natasha Narwal, Devangana Kalita And Asif Iqbal Tanha Accused In  2020 Delhi Riots Case? देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तनहा...  कौन हैं ये तीनों जिनके बेल ऑर्डर में

नई दिल्ली। दिल्ली दंगे मामले मे जाँहा कई लोगो की जमानत हुई वही रद्द भी हुई। पर कुछ दिर पहले जमानत को लेकर नया मामला सामने आया है, जहां एक माँ ने अपने नशे के आदी बेटे को जमानत पर रिहा करने के लिए मना कर दिया यह कहते हुए कि वह मेरे वश में नहीं है।

जल रही थी दिल्ली

23 फरवरी 2020 की रात को दिल्ली मे दंगा भड़क उठा था। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से भड़का हुए दगों मे कुल 53 लोग मारे और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। दगों का मुख्य कारण हिंदू- मुसलमान लडाई थी। मारे गए 53 लोगों में से, दो-तिहाई मुसलमान थे जिन्हें गोली मार दी गई थी, तलवार से काट दिया गया था एवं आग से जला दिया गया था। दंगों में दिल्ली पुलिस ने 11 पुलिस थाना इलाकों में कुल 755 एफआईआर दर्ज की थीं। दिल्ली में ये सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज करने का पहला मामला था।

सीसीटीवी से हुई थी दंगाइयों की पहचान

दिल्ली पुलिस ने 945 सीसीटीवी कैमरों फुटेज की जाँच की थी। इसके बाद आधुनिक तकनीक की मदद से आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के जरिये सीसीटीवी कैमरों में कैद दंगाइयों की पहचान की थी न्यायाधीश विनोद यादव ने प्रतिवादी दीपक को सुधारने का मौका देने के लिए प्रतिवादी की मां को मनाने की कोशिश की, लेकिन उसने अपने तर्क पर जोर दिया और मांग की कि उसकी जमानत वापस ले ली जाए।

दिल्ली दंगों में प्रतिवादी की जमानत रद्द कर दी

अदालत ने दिल्ली दंगों में प्रतिवादी की जमानत रद्द कर दी और उसे प्री-ट्रायल हिरासत में भेज दिया। दरअसल, उसकी मां ने कहा कि वह उसकी जमानत नहीं कराना चाहती क्योंकि वह एक ड्रग एडिक्ट है और उसके नियंत्रण में नहीं है। अतिरिक्त बैठक कड़कड़डूमा कोर्ट के न्यायाधीश विनोद यादव ने प्रतिवादी की मां को प्रतिवादी दीपक को ठीक होने का मौका देने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उसने अपने तर्क पर जोर दिया और उसकी जमानत वापस लेने की मांग की।

हिरासत में लिया गया

अदालत ने कहा कि प्रतिवादी को ठीक होने का मौका दिया जाना चाहिए, और यह केवल उसकी मां ही कर सकती है। प्रतिवादी की मां ने कहा कि उसका बेटा उसकी बात नहीं सुनेगा और वह उसकी जमानत नहीं दे सकती। अदालत द्वारा सभी तथ्यों का पता लगाने के बाद, प्रतिवादी को मुकदमे की प्रतीक्षा में हिरासत में लिया गया और जेल में डालने का आदेश दिया गया।

सवाल का जवाब नहीं दे पाए गोकुलपुरी एसएचओ और थाने के जांचकर्ता

उसी समय, अदालत ने परीक्षण के दौरान पाया कि सभी न्यायिक और पुलिस फाइलें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थीं और दस्तावेज काफी फटे हुए थे। कोर्ट ने गोकुलपुरी एसएचओ और गोकुलपुरी थाने के जांचकर्ताओं और आईओ से कुछ ऐसे सवाल पूछे जिनका उन्होंने जवाब नहीं दिया। अदालत ने कहा कि चूंकि आज विशेष अभियोजक से संपर्क नहीं किया जा सका, इसलिए उसे अनुरोध का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कोर्ट ने मामले को स्थगित करने की घोषणा की।

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