नई दिल्ली: डीजी आईटीबीपी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक से केवड़िया के लिए साइकिल रैली का किया फ्लैग ऑफ

‘शौर्य, दृढ़ता, कर्मनिष्ठा’ की भावना के साथ देश की सुरक्षा और सेवा के लिए अपना योगदान देती रहेगी ITBP

नई दिल्ली। श्री संजय अरोरा, महानिदेशक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने आज नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक से एक आईटीबीपी साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 31 अक्टूबर, 2021 को केवड़िया में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में भाग लेने वाली यह सबसे लंबी दूरी तय करने वाली साइकिल रैली होगी।

आजादी के अमृत महोत्सव में ITBP का अहम योगदान

डीजी आईटीबीपी ने इस रैली के प्रति लगन और समर्पण की भावना के लिए बल के साइकिल चालकों की प्रशंसा की और कहा कि 75 सप्ताह के अभियान में आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वावधान में साइकिल रैलियों के माध्यम से जागरूकता अभियानों और जनसंपर्क कार्यक्रमों में आईटीबीपी की विशिष्ट और प्रेरणादायी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि ITBP इसी भावना और उत्साह के साथ देश की सेवा करना जारी रखेगी और अपने आदर्श वाक्य- ‘शौर्य, दृढ़ता, कर्मनिष्ठा’ की भावना के साथ देश की सुरक्षा और सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देती रहेगी।

1100 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगी आईटीबीपी साइकिल रैली टीम

45 सदस्यीय यह आईटीबीपी साइकिल रैली टीम अगले 25 दिनों में 4 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से गुज़रते हुए लगभग 1100 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगी। मार्ग में रैली द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह रैली स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों पर भी जाएगी। साइकिल रैली के दौरान फिट इंडिया मूवमेंट, स्वच्छ भारत अभियान आदि के बारे में जागरूकता फैलाने के अलावा पौधारोपण अभियानों भी आयोजित किया जाएगा।

27 अगस्त को शुरू की थी यात्रा

इस रैली ने गोगरा से (4500 मीटर की ऊंचाई) और उच्च हिमालय में कठोर जलवायु और धरातलीय परिस्थितियों से निकलते हुए 27 अगस्त को अपनी यात्रा शुरू की थी । अटल सुरंग के माध्यम से मनाली पहुंचने से पहले, इसने मार्सिमिक-ला (5,582 मीटर), चांगला (5,319 मीटर), तांगलांग-ला (5,328 मीटर), बारालाचा-ला (4,892) मी), लाचुंग-ला (5,059 मीटर)जैसे दुनिया के कुछ सबसे ऊंचे मोटरेबल पास (कुल – 8) को पार किया था ।