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इस्तीफे की फिर उठी मांग, दो दिन बाद ही होने हैं चुनाव
नई दिल्ली। 20 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नेतन्याहु के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर इस्तीफे की मांग को लेकर पेरिस स्क्वायर पर इक्ट्ठा हुए थे।
दो साल के भीतर चौथी बार चुनावहजारों की संख्या में लोगों ने इजरायल की सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ऐसे वक्त हुआ है, जब देश में दो साल के भीतर दो दिन बाद चौथी बार चुनाव होने हैं। इस दौरान 20 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफे की मांग को लेकर पेरिस स्क्वायर पर इकट्ठा हुए थे। यहां से प्रधानमंत्री आवास की दूरी बहुत पास है।
इजरायल में 24वीं संसद को लेकर होने हैं चुनाव
पिछले साल जुलाई से इजरायल में पूरे देशभर में प्रदर्शन चल रहा है। इजरायल में 24वीं संसद को लेकर चुनाव होने हैं। इससे पहले नेतन्याहू के नेतृत्व में सेंटर और राइट को लेकर गठबंधन बना था। लेकिन यह गठबंधन ज्यादा चल नहीं पाया और सरकार गिर गई।
स्थिर सरकार बनने की उम्मीद इस बार भी कम
इजरायल की संसद को लेकर लगातार अप्रैल 2019 से चुनाव होते रहे हैं। इसमें दो बार चुनाव जीते राजनीतिक दलों का गठबंधन एक स्थायी सरकार चलाने में नाकाम रहा है। इससे पहले यहां मार्च 2020 में आखिरी चुनाव हुआ था। इस चुनाव में सरकार तो बन गई, लेकिन आधा साल से ज्यादा ये टिक नहीं सकी। बीते मंगलवार को स्पूतनिक से बात करते हुए न्यू होप सेंटर राईट पार्टी के उम्मीदवार रोन मोरियों के अनुसार, जल्द ही पांचवी बार चुनाव हो सकता है। क्योंकि एक स्थिर सरकार बनने की उम्मीद इस बार भी कम है।
3 महीने पहले गिर गई थी नेतन्याहू की सरकार
3 महीने पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिर गई थी। इसके बाद यह तय हो गया था कि देश में अगले साल फिर से चुनाव होंगे। दो साल में यहां चौथी बार चुनाव होंगे। नेतन्याहू की लिकुड और रक्षा मंत्री बेनी गेंत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी ने मई में गठबंधन सरकार बनाई थी, क्योंकि उस चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। नेतन्याहू की सरकार पर संकट पर उस समय मंडराने लगा था, जब गठबंधन नेता गेंत्ज ने प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि नेतन्याहू देश से ज्यादा फोकस अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने में कर रहे हैं।
दोनों पार्टियों के कई बार मतभेद सामने आ चुके थे
सात महीने पहले जब नेतन्याहू और गेंत्ज ने गठबंधन सरकार का फैसला किया था, तभी कयास लगने लगे थे कि यह सरकार कितने दिन चलेगी। खुद गेंत्ज ने इसे ‘इमरजेंसी अलायंस’ बताया था। मई में दोनों दलों ने एक कॉमन प्रोग्राम के जरिए सरकार बनाने पर सहमित जताई थी। एक डील भी हुई थी। इसके तहत नेतन्याहू पहले 18 महीने प्रधानमंत्री रहेंगे। अगले 18 महीने गेंत्ज पीएम होंगे। सरकार बनने के बाद से ही दोनों पार्टियों के कई बार मतभेद सामने आ चुके थे।