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नई दिल्ली। पंजाब की राजनीति में लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही हलचल को विराम देने की कोशिश में कांग्रेस हाईकमान ने रविवार को नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान घोषित किया। कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरह कैप्टन को अनदेखा करते हुए नवजोत सिद्धू को प्रधान नियुक्त करने का एलान किया है, वह कैप्टन को बहुत नागवार गुजरा है। इसी के बीच आज सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने सिसवां उनके फार्म हाउस पहुंच रहे हैं। उनके साथ कई विधायक और मंत्री भी होंगे। माना जा रहा है कि वह नाराज कैप्टन को मनाने के लिए पटियाला जा रहे हैं।
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सिद्धू के प्रधान बनने से कैप्टन नाखुश
कैप्टन ने हाईकमान के फैसले का सम्मान करते हुए सिद्धू के प्रधान बनने के फैसले पर अपनी सहमति जता दी है। लेकिन ये कहना भी गलत नहीं होगा कि हाईकमान ने कैप्टन को काफी हलके में लिया है। दोनों के बीच चल रही सियासी जंग के चलते कैप्टन ने शर्त रखी थी कि सिद्धू उन पर की गई अभद्र टिप्पणियों के लिए उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, तभी वे सिद्धू से बात करेंगे। इससे ये साफ जाहिर होता है कि चाहे कैप्टन सीधा-सीधा कुछ ना बोलें लेकिन सिद्धू का प्रधान बनना उन्हें मंजूर नहीं है।
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हाईकमान के फैसले से कैप्टन बुरी तरह आहत
2017 में जब सिद्धू भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे ,कैप्टन तब से ही नाखुश थे। उसके बाद अब पंजाब अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले दोनों के बीच सियासी जंग और तेज़ हो गई है। 1984 के घटनाक्रम के बाद पंजाब कांग्रेस में जान फूंकने वाले और 2017 में जब पूरे देश में कांग्रेस का सफाया हो गया था, तो पंजाब में अपने बूते पर कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पार्टी हाईकमान ने मौजूदा मामले में जैसा सलूक किया है, कैप्टन उससे बुरी तरह आहत हुए हैं।