Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
सुनीता नागेंद्र सेवा संस्थान, बाँट रहे बेसहारा बुजुर्गों के जीवन में मुस्कान- Amar Bharti Media Group Maharashtra

सुनीता नागेंद्र सेवा संस्थान, बाँट रहे बेसहारा बुजुर्गों के जीवन में मुस्कान

नई दिल्ली। ‘एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल…’ गीतकार शैलेन्द्र का लिखा यह गीत किन रूपों में आज भी लोगों को प्रेरित कर रहा है इसकी मिसाल हाल ही में करुणेश्वर ओल्ड एज केयर हाउस, महाराष्ट्र में देखने को मिली। दरअसल नागेंद्र कुमार सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन त्याग और सेवा की जो भावना वे अपने बच्चों को सिखा गए हैं वह कई बेसहारा जनों के जीवन में रंग और उम्मीद बनकर आई है।  

एक सोच से विकसित हुआ ‘सुनीता नागेंद्र सेवा संस्थान’

एक साल पहले 20 अक्टूबर 2020 को 88 साल की उम्र में नागेंद्र कुमार सिन्हा जी का स्वर्गवास हो गया। अपने पीछे वह एक भरा पूरा परिवार छोड़ कर गये। लेकिन इनके जाने के जब ठीक 6 महीने के अंदर, कोविड के कारण जब इस परिवार की बड़ी बहू सुनीता सिन्हा का भी निधन हो गया तो पूरा परिवार इस आकस्मिक आघात से हिल गया। सिन्हा परिवार ने खुद को संभाला और अपने परिवार के दो सबसे मज़बूत सदस्यों को खोने के बाद उन्हें अमर कर देने की ठान ली। परिवार ने दोनों की स्मृति में आदारञ्जली स्वरूप ‘सुनीता नागेंद्र सेवा संस्थान’ की नींव रखी। यह एक ऐसी सेवा संस्थान है जो बेसहारा और सच्चे अर्थों में जरुरतमन्द लोगों की मदद के लिए शुरू की गई है। इसी सिलसिले में 19 अक्टूबर को इस संस्थान के बैनर तले सिन्हा परिवार के कई सदस्य महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के करुणेश्वर ओल्ड एज केयर हाउस पहुंचे। इस दौरान बुजुर्गों की आवश्यकता के अनुसार उन्हें सामग्री सेवाएं उपलब्ध कराई गईं जैसे कि उनके बीच दो महीने की सभी दवायें, राशन की सभी सामग्री, मिठाई, फल, व्हील चेयर, वैक्यूम क्लीनर इत्यादि का वितरण किया गया।

बुज़ुर्गों को आश्रय देता है ओल्ड एज केयर हाउस

बता दें कि इस ओल्ड एज केयर हाउस में वैसे बुजुर्ग रहते हैं जिन्हें आश्रय देने वाला कोई नहीं था और जो शारीरिक रूप से असहाय हैं और दूसरों पर निर्भर हैं। ओल्ड एज केयर हाउस के संचालक ईश्वर इन सभी का पूरे जतन से ध्यान रखते हैं। बहरहाल, कार्यक्रम के दिन, सुनीता नागेंद्र सेवा संस्थान के कई सदस्य दिनभर इन बुजुर्गों के साथ रहे और सबने मिलकर इन बुजुर्गों के लिये अपने हाथों से भोजन बनाने और खिलाने में भी मदद की। स्वर्गीय नागेंद्र कुमार सिन्हा की पत्नी श्रीमती इंदु सिन्हा समेत परिवार के छोटे छोटे बच्चे तक इस नेक काम में पूरे मन से जुटे रहे। उसके बाद देर तक पुराने सदाबहार फिल्मी गीतों और भजन का सिलसिला चलता रहा। कई बुज़ुर्गों ने गीत गाये, ताल से ताल मिलाकर खूब तालियाँ बजाईं। जो न देख सकते थे न बिस्तर से उठ सकते थे, संगीत की धुन पर उनकी उंगलियों को हिलते देखने वाला पल बेहद करुणामयी था। अपनों सा प्यार पाकर सभी बुजुर्ग भावुक हो गये। केयर हाउस के सभी सदस्यों के लिए यह एक यादगार दिन बन गया।

यूं ही समाज के प्रति सेवारत रहेंगे सिन्हा परिवार

सेवा संस्थान से आयोजक संस्था में मनोज सिन्हा, अनूप कुमार,आलोक कुमार, अमित कुमार, श्रीमती इन्दु सिन्हा, रीना, निमिषा, अर्चना, स्वेता इत्यादि शामिल हैं। इस मौके पर सिन्हा परिवार ने कहा है कि वो आगे भी इस तरह के आयोजन करते रहेंगे जिनसे सच्चे अर्थों में वे उन लोगों तक पहुँच सकें जिन्हें मदद की जरूरत है। यही परम पूज्य पिता जी के लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 20 अक्टूबर को स्वर्गीय नागेंद्र कुमार सिन्हा की पहली पुण्यतिथि भी है। यूँ तो ये काम सिर्फ पैसों से भी हो सकता था जहाँ ज़रूरत के सामानों को खरीद कर इस वृद्धाश्रम पहुंचा दिया जाता। परंतु इन बुज़ुर्गों के लिए सबसे ज़रूरी और सबसे महँगा है आपका समय। शोक के इस पल में सिन्हा परिवार ने इन्हें इनकी ज़रूरत का सामान और वो कीमती समय दिन भर इनके साथ बिता कर जो सेवा भावना दिखाई है, यह औरों के लिए भी एक मिसाल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *