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करीब पौने तीन बजे संजीव के मोबाइल पर एक मैसेज आता है जिसमें लिखा था कि आप अपने पेटीएम की केवाईसी करा लें। संजीव ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। दिन भर के काम को निपटाने के बाद संजीव ने उस नम्बर पर फोन किया जिस नम्बर से संदेश आया था।
जाहिर है संजीव ने वह गलती कर दी थी जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है।
फोन पर बात करने वाले ने बताया कि आप पेटीएम की केवाईसी अभी ऑनलाईन करा दें अन्यथा ये बन्द हो जाएगा। हैकर ने कहा कि आपकी ऑनलाईन केवाईसी के लिए क्विक सपोर्ट एप्प डाउनलोड करना जरूरी है।
हैकर के बताए मुताबिक संजीव ने एप्प डाउनलोड कर लिया। लिंक ओपन करने को कहा गया और एक 9 डिजिट की आईडी शेयर करने को कहा। संजीव वह सब करता रहा जो फोन पर बताया जा रहा था।
फोन करने वाले ने कहा कि आपकी पेटीएम की केवाईसी हो गयी है, अब आप अपने डेविट कार्ड से 5 रूपए का भुगतान कर दीजिए ताकि पेटीएम का बैलेंस शून्य न रहे। दो मिनट की समयावधि में संजीव के जीवन भर की पूंजी खाते से गायब हो चुकी थी।
फोन कटने के बाद संजीव ने देखा कि उसके पास 11 ट्रांसजेक्शन के मैसेज आए हैं। संजीव अपनी मेहनत की कमाई एक लाख 29 हजार 782 रूपया गंवा चुका था।
संजीव के पांव के नीचे से जमीन खिसक गई थी। संजीव ने तत्काल पंजाब नेशनल बैंक के कस्टमर केयर पर बात की। उसे बताया गया कि आप अपने होम ब्रांच और नजदीकी थाने के साइबर सेल में शिकायत करें।
संजीव ने मुकदमा दर्ज करा दिया है लेकिन खुद संजीव को भी लगता है कि रिकवरी बेहद मुश्किल है। इस पूरी घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि शिकायत के बावजूद साइबर सेल वाले इस ठग का सुराग नहीं लगा पाए हैं जबकि वह ठग अब भी संजीव को हर दिन फोन करता है और फिर से कुछ भुगतान करके पैसे वापस पाने का लालच दे रहा है।
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ऐसे में यह समझ पाना मुश्किल है कि इस ठग पर साइबर सेल की इतनी मेहरबानी क्यों है ? संजीव ने साइबर सेल का दरवाजा एक बार फिर खटखटाया और कहा कि ठग मुझे फोन कर रहा है तो साइबर सेल के सिपाहियों ने कहा कि आप उसका फोन न उठाओ।
संजीव लुट चुका है लेकिन जांच करने वाली एजेंसिंयां कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। जाहिर है साइबर लूट से जंगलराज कायम हो गया है लेकिन इस पर न तो पुलिस ध्यान दे रही है और न ही सरकार।
आंकड़ों की बात करें तो हर माह सौ करोड़ की चपत लगा रहे हैं। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने लोगों से लेन-देन में अत्यधिक सतर्कता बरतने को कहा है। डोभाल की मानें तो साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगभग 5 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है।
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एसीआई की वर्ल्डवाइड रिपोर्ट हमें चौंकाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑनलाइन खरीददारी व लेन-देन बढऩे के साथ ही ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की संभावनाएं भी बहुत हद तक बढ़ गई हैं। 2019-20 में ऑनलाइन ग्राहकों को 690 करोड़ की चपत लगी थी तो इस वर्ष यह 1200 से 1300 करोड़ के भी पार हो जाने का अनुमान है।
भुगतान एप्प के जरिए 41 फीसदी धोखाधड़ी बढ़ गई है।जाहिर है कि अगर आपके पास बैंक अकाउंट है तो यह खबर आपके लिए है।
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