लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. यहां मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का जिक्र नहीं है, हालाँकि डेथ सर्टिफिकेट दिखाने वाले परिजन का कहना है कि ये मौत कोरोना से ही हुई है.
पीड़ितों का आरोप है कि वो लगातार नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग का चक्कर लगा रहे लेकिन बिमा राशि की बात छोड़ दीजिये डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना के मौत का जिक्र तक नहीं है. उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन गरीबों के साथ मजाक कर रही है. महामारी ने हमारा सब कुछ छीन लिया. लेकिन अब सरकार और प्रशासन की मंशा हमें साफ़ दिख रही है. कंपनियां भी बीमा राशि को नहीं देने के विचार में है.
नगर निगम का बयान
प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का जिक्र न होने के कारण पीड़ित परिवार को कंपनियां बीमा राशि देने से इंकार कर रही हैं. वहीं नगर-निगम का कहना है कि सॉफ्टवेयर में कोरोना से मौत का कॉलम ही नहीं बनाया गया है। ऐसे में वो कैसे डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना का जिक्र कर सकते हैं.
कोरोना से मौत पर बीमा योजना
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत महामारी जैसी आपदाओं से मृत परिजनों को 48 घंटे में बीमित राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। योजना के तहत कोविड रोकथाम और इलाज के सीधे संपर्क और देखभाल से जुड़े कर्मियों की मौत के बाद परिजनों को 50 लाख रुपये की राशि न्यू इंडिया एश्यारेंश कंपनी के द्वारा दिए जाने का प्रावधान है।