डासना देवी प्रकरण से जुड़े हैं यूपी के धर्मांतरण गैंग के तार।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को प्रदेश के जिस धर्मांतरण गैंग का खुलासा किया था उसके तार अब गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर प्रकरण से भी जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मसूरी के डासना देवी मंदिर प्रकरण में गलत नाम बताकर घुसे जीजा-साले व सलीम उद्दीन भी धर्मांतरण से जुड़े थे।

यूपी के धर्मांतरण के मामले में एक बड़ा खुलासा

गाजियाबाद में यूपी एसटीएफ के धर्मांतरण के मामले में खुलासा हुआ है कि गाजियाबाद में 3 जून को डासना मंदिर पर गिरफ्तार हुए विपुल विजयवर्गीय और काशिफ ने ही इस पूरे मामले का खुलासा किया है। वहीं इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने 16 जून को गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहने वाले डॉक्टर सलीम उद्दीन को जेल भेजा था। पुलिस के मुताबिक डॉक्टर सलीम उद्दीन ने ही विपुल विजयवर्गीय और काशिफ को डासना देवी मंदिर पर भेजा था जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकें। साथ ही यह पता चला है कि डॉक्टर सलीम उद्दीन ने ही कासिफ की बहन के साथ हुए विपुल के निकाह में गवाह थे।

क्या था डासना देवी मामला ?

गत दो जून की रात करीब साढ़े आठ बजे दो संदिग्ध मसूरी के डासना देवी मंदिर में घुसे थे। गेट पर दोनों ने अपने नाम नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय तथा काशी गुप्ता लिखवाए थे। बाद में काशी गुप्ता नाम का युवक संजय नगर निवासी कासिफ निकला। पूछताछ में पता चला कि विपुल कासिफ का जीजा है। डेढ़ साल पहले ही विपुल ने उसकी बहन आयशा से शादी की थी। आरोपियों के बैग से सर्जिकल ब्लेड, वैक्यूम थेरेपी में काम आने वाली मशीन, धार्मिक पुस्तकें व ग्रंथ भी बरामद हुए थे। विपुल ने बताया था कि वह शास्त्रार्थ करने के लिए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आया था। वहीं, महंत ने हत्या के लिए आने का आरोप लगाया था।

सलीम उद्दीन ने विपुल को कासिफ के साथ जाने के लिए उकसाया था

नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय को डासना देवी मंदिर में जाने के लिए गुरु सलीम उद्दीन ने उकसाया था। रिमांड के दौरान विपुल व उसके साले कासिफ से पूछताछ में यह बात सामने आने के बाद मसूरी पुलिस ने बीते शुक्रवार को सलीम उद्दीन को गिरफ्तार कर लिया था। सलीम उद्दीन ने विपुल को उर्दू की तालीम दी थी और पैरा मेडिकल की पढ़ाई भी कराई थी। विपुल को कासिफ के साथ जाने के लिए भी सलीम उद्दीन ने ही उकसाया था।

अंतरिम जमानत पर आए डॉक्टर सलीम उद्दीन का बयान

गाजियाबाद धर्मांतरण मामले में न्यायालय से अंतरिम जमानत पर आए डॉक्टर सलीम उद्दीन ने कहा कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उनको भारतीय न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। उनका कहना है कि उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे उनपर यह आरोप लगाए जाएं, यह सरासर गलत और अमान्य आरोप हैं। साथ ही जांच के मामले में डॉक्टर सलीम उद्दीन ने बोला की जब-जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा वो और उनका पूरा परिवार जांच में सहयोग करेगा।