अमर भारती : पूर्व भारतीय ऑलराउंडर Ravi Shastri ने 1985 की वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट की जीत को याद करते हुए कहा कि 1983 से 1985 के बीच भारतीय टीम ने सीमित ओवरों के फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया था। भारत ने सुनील गावस्कर के नेतृत्व में मेलबर्न में यह खिताब जीत साबित किया था कि 1983 की वर्ल्ड कप जीत कोई तुक्का नहीं थी। Ravi Shastri ने कहा कि 1985 की भारतीय टीम Virat Kohli की वर्तमान टीम इंडिया को भी परेशानी में डाल सकती थी। भारतीय टीम ने मेलबर्न में खेले गए फाइनल में पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी। Ravi Shastri को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था और उन्हें ऑडी कार प्रदान की गई थी। Ravi Shastri ने कहा कि 1985 की वह विजेता टीम सीमित ओवरों में अभी तक भारत की श्रेष्ठ टीमों में से एक है।
वर्तमान में टीम इंडिया के चीफ कोच रवि शास्त्री ने कहा कि 1985 की वह भारतीय टीम Virat Kohli ब्रिगेड को भी परेशानी में डाल सकती थी। उन्होंने कहा, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि 1985 की टीम 1983 की टीम से बेहतर थी, क्योंकि उसमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण था। आप जानते हैं कि मैं दोनों टीमों का हिस्सा था। मैं 1983 विश्व कप में खेला था और 1985 में अगर आप प्रत्येक खिलाड़ी पर गौर करो तो उसमें 1983 के 80 प्रतिशत खिलाड़ी शामिल थे। लेकिन, इस बीच टीम में शिवरामाकृष्णन, सदानंद विश्वनाथ, मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे युवा खिलाड़ी आ गए थे। हमारे पास पहले से अनुभवी खिलाड़ी थे और इनके जुड़ने से टीम शानदार बन गई।’
उन्होंने कहा, 1983 में हमने जब वर्ल्ड कप जीता तो हर किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। 1985 में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट में हर कोई यह उम्मीद कर रहा था कि हम खिताब जीतेंगे और सुनील गावस्कर ने नेतृत्व में हमने वह कर दिखाया था। गावस्कर ने शानदार ढंग से टीम का नेतृत्व किया था।