राजनाथ सिंह ने बैठक में चीन के रक्षामंत्री से क्‍या कहा- देखें ये रिपोर्ट

 

नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा विवाद (India China Border Tension) पर शुक्रवार को रूस में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय की ओर से शनिवार को बयान जारी किया गया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से कहा कि जल्द से जल्द शांति बहाली के लिए बातचीत जारी रखनी चाहिए.

रक्षा मंत्री कार्यालय ने ट्वीट में बताया, “रक्षा मंत्री ने कहा कि LAC पर जल्द से जल्द पूरी तरह से शांति बहाल करने और तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों को राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिये बातचीत जारी रखनी चाहिए.

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रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से बैठक को लेकर कई ट्वीट किए गए हैं. रक्षा मंत्री कार्यलाय ने ट्वीट में लिखा, “मौजूदा परिस्थिति को जिम्मेदाराना ढंग से हल किया जाना चाहिए और दोनों पक्षों में किसी को भी कोई ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, जिससे बॉर्डर के इलाकों में हालात और खराब हो या तनाव बढ़े.”

 

रक्षा मंत्री ने सलाह दी है कि चीनी सेना पेंगोंग लेक इलाके से जल्द से जल्द पीछे हटे. मौजूदा हालात को जिम्मेदारी के साथ हल करने की जरूरत है. कोई पक्ष ऐसा कदम ना उठाये कि हालात बॉर्डर पर और बिगड़ जाए.

 

बयान में कहा गया है कि दोनो देश बातचीत से मामले को सुलझाने के पक्षधर हैं. चीनी रक्षा मंत्री ने भी मामले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की बात की है. संबधो को बेहतर बनाने के लिये सीमा पर शांति और पारदर्शिता बनाये रखना जरूरी है.

 

रक्षा मंत्री कार्यालय ने बयान में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में हुए घटनाक्रमों पर भारत के पक्ष को स्पष्ट रूप से रखा.”

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना की कार्रवाई, जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करना, आक्रामक रवैया और यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास शामिल है, द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है.

बैठक के दौरान, रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय जवान सीमा प्रबंधन को लेकर हमेशा जिम्मेदाराना रुख अपनाता रहे हैं. साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा को लेकर भी दृढ़ संकल्पित है.

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इससे पहले, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद चीन की ओर से बयान आया था. चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख (Ladakh) में तनाव बढ़ाने के लिए भारत “पूरी तरह” से जिम्मेदार है.

साथ ही बयान में चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा.