पुलिस के मुताबिक, रिटेलर्स जो वास्तविक कस्टमर थे उसके डॉक्युमेंट्स से दो सिम इश्यू कर दिए जाते थे. इसमे एक सिम उस ग्राहक को देते और दूसरी इश्यू कराई सिम को वो ठग गिरोह को बेच देते थे.
अलवर. मोबाइल सिम (Mobile Sim) के नाम पर फर्जीवाड़ा के मामले लगातार सामने आते रहे हैं. लेकिन राजस्थान के अलवर से मोबाइल सिम को लेकर एक चौकाने वाला मामला सामने आया है.
दरअसल, अलवर सदर थाना पुलिस ने एक ऐसा मामला उजागर किया है जिसमे दो सिम बेचने वाले रिटेलर्स और उनसे खरीदी सिम से ओएलएक्स (OLX) पर फर्जी विज्ञापन देकर ठगी किया गया है. पुलिस ने ठगी करने वाले सहित तीन को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार, अलवर व भरतपुर सहित आसपास मेवात से लगते क्षेत्र में ओएलएक्स के जरिए ठगी की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं. इसमें ठग गिरोह से जुड़े बदमाश मोबाइल सिम रिटेलर्स के साथ सांठगांठ कर फर्जी सिम (Fake Sim) जारी करवा लेते थे.
गरीबों को मिलने वाला राशन क्यों सड़ रहा है कौन है जिम्मेदार
दरअसल, जो वास्तविक कस्टमर थे उसके डॉक्युमेंट्स से दो सिम इश्यू कर दिए जाते थे. इसमे एक सिम उस ग्राहक को देते और दूसरी इश्यू कराई सिम को वो ठग गिरोह को बेच देते थे.
अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि लगातार साइबर क्राइम (Cyber Crime) की घटनाओं को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है.
एसपी ने कहा कि सदर थाना पुलिस ने ओएलएक्स पर आए एक गाड़ी बेचने के विज्ञापन के तहत बोगस ग्राहक बनकर आरोपी को सम्पर्क किया.
प्रसव का खर्चा चुकाने में हुआ बच्चे का सौदा
आरोपी ने सफेद रंग की गाड़ी बेचने के लिए दिखाई और स्वयं को आर्मी कर्मी बताते हुए साथ ही कुछ एडवांस पेटीएम (Paytm) में भी डलवाए और अलवर के सामोला चौक पर मिलने का समय तय हुआ.
इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी समयदीन उर्फ शम्भु को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इसमें पहली कड़ी मोबाइल को मानते हुए मोबाइल सिम के बारे में आरोपी से पूछताछ की जिसमे उसने बताया कि अमजद खान से सिम लिया गया था.
पुलिस ने दोनों सिम रिटेलर्स को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी अब तक कितने सिम बेच चुके हैं.