पटना: बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद से चुप रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अब प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मैं बिहार के लोगों को धन्यवाद देता हूं.
तेजस्वी यादव ने कहा, ”जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, लेकिन चुनाव आयोग का परिणाम एनडीए के पक्ष में आया. यह पहली बार नहीं हुआ है. 2015 में जब महागठबंधन बना था, तब वोट हमारे पक्ष में थे, लेकिन बीजेपी ने सत्ता हासिल करने के लिए बैक डोर एंट्री ली.”
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि हमें लोगों का समर्थन मिला, लेकिन राजग ने धन, छल और बल के जरिए चुनावी जीत हासिल की.
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की जेडी (यू) तीसरे स्थान पर रही. यदि उनकी (नीतीश कुमार) नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अपना लोभ छोड़ देना चाहिए.
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से हम उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की दोबारा गिनती किए जाने की मांग करते हैं, जहां इनकी गिनती शुरू में नहीं अंत में की गई.
उन्होंने कहा, ”हम 20 सीटों पर मामूली अंतर से हारे. कई विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 900 डाक मतपत्रों को रद्द कर किया गया. यह चौंकाने वाली बात है कि NDA को महागठबंधन से केवल 12,270 वोट अधिक मिले और फिर भी वह 15 और सीटें जीतने में सफल रहा.”
विधानसभा चुनाव में बेहद रोमांचक मुकाबले में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले NDA ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत का परचम लहरा कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल किया है. महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आई है.
बीजेपी को 74 और जेडीयू को 43 सीटें मिली है. इसके अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदारों में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटें मिली है.
वहीं, विपक्षी महागठबंधन में आरजेडी को 75, कांग्रेस को 19, भाकपा माले को 12, भाकपा और माकपा को दो-दो सीटों पर जीत मिली.
इस चुनाव में वामदलों और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम) को सबसे अधिक फायदा हुआ है. उन्हें पांच सीटें मिली है.
एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव मैदान में उतरी चिराग पसवान की लोक जनशक्ति पार्टी एक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी. बीएसपी और अन्य ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है.