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नौकरी से जुड़ी नीतियों पर क्‍या थी चाणक्‍य की राय- Amar Bharti Media Group धर्म

नौकरी से जुड़ी नीतियों पर क्‍या थी चाणक्‍य की राय

चाणक्य दिमाग से कुशल थे इसीलिए हर क्षेत्र में माहिर थे. शायद ही कोई विषय हो जिसकी बेहतरीन समझ चाणक्य को ना हो. अर्थ शास्त्र से लेकर नीति शास्त्र तक में माहिर चाणक्य ने ये ज्ञान केवल अपने तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि इस ज्ञान का लाभ पूरी दुनिया और आने वाली पीढ़ियां भी उठा सके इसके लिए उन्होंने चाणक्य शास्त्र की रचना की जिसे कौटिल्य शास्त्र भी कहा जाता है.

इसमें जीवन के हर पहलू हर सवाल का जवाब है. इसी तरह चाणक्य ने नौकरी से संबंधित कुछ ऐसी नीतियां भी बताई हैं जो आपके भीतर संयम और कुशलता को विकसित करेंगी.

नौकरी से जुड़ी चाणक्य की नीतियां

चाणक्य के मुताबिक अगर आपकी नौकरी को लेकर कोई संकट है या फिर आप अपनी नौकरी से जुड़ी किसी समस्या से परेशान है तो उस दौरान आपको केवल संयम और हिम्मत से काम लेना है. क्योंकि धीरज हर परेशानी का हल है. इससे आप बुरे समय को आसानी से काट पाते हैं और आने वाले बेहतर समय का स्वागत भी खुशी खुशी करते हैं.

दूसरी अहम बात है सोच समझकर पलटवार करना या जवाब देना. कई लोग आवेश में आकर या गुस्से में आकर किसी बात पर तुरंत ही प्रतिक्रिया दे देते हैं लेकिन चाणक्य कहते हैं कि हमें ऐसी आदत से बचना चाहिए.

भले ही मन में कितना ही गुस्सा हो मन क्यों ना कितना ही अशांत हो. खुद पर काबू रखें. सही समय का इंतज़ार करें और एक सटीक रणनीति बनाकर जवाब दें. इसमें आपको सफलता निश्चित रूप से मिलती है.

गलतफहमी ना होने दें –

चाणक्य की माने तो किसी भी रिश्ते के खराब होने के पीछे एक सबसे बड़ी वजह है गलतफहमी और गलतफहमी वहीं जगह बनाती है जहां संवाद ना हो. इसीलिए भले ही मन में कितनी ही खटास हो कभी भी कार्यस्थल पर किसी से ऐसे रुष्ट ना हो कि आप बात ही करना छोड़ दें. ये आपकी नौकरी में रुकावट बनेगा.

चाणक्य कहते हैं कि मेहनत करो. ऑफिस में भले ही कितनी टेंशन हो, आपकी नौकरी पर ही बात क्यों ना बन आई हो. लेकिन अपने कर्म से पीछे ना हटें. क्योंकि कर्म ही एक ऐसी चीज़ है सफलता की ओर मनुष्य को ले जाती है.