Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
किसान आंदोलन में इसे लेकर SC ने जताई चिंता- Amar Bharti Media Group राष्ट्रीय

किसान आंदोलन में इसे लेकर SC ने जताई चिंता

किसान आंदोलन में कोरोना के हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या किसान आंदोलन में कोरोना को लेकर क्या नियमों का पालन किया जा सकता है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े ने कहा कि हमें नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं. अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो तबलीगी जमात की तरह ही दिक्कत हो सकती है.

दरअसल, निजामुद्दीन स्थित मरकज केस और कोविड लॉकडाउन के दौरान भीड़ इकट्ठा करने की परमिशन देने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने निजामुद्दीन मरकज में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति देकर लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला था.

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमें बताएं कि क्या हो रहा है? मुझे नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं, किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी यही समस्या उत्पन्न हो सकती है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम हालात के बारे में जानने की कोशिश करेंगे.

याचिकाकर्ता के वकील परिहार ने कहा कि मौलाना साद का अभी तक पता नहीं चल पाया है. मौलाना साद के ठिकाने के बारे में कोई बयान नहीं दिया गया. इस पर सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोविड नहीं फैले. जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें.

सीजेआई एसए बोबड़े ने केंद्र से पूछा कि विरोध कर रहे किसान क्या कोविड के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं? आपने मरकज की घटना से क्या सीखा है? कोरोना से बचाव सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है.