नई दिल्ली। इस साल रक्षा बंधन का त्योहार पूरे देश में 22 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई बदले में बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देता है। यह त्योहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
इस पर्व को मनाने की शुरुआत कब हुई
इतिहास से चला आ रहा पर्व रक्षा बंधन की बहुत मान्यता मानी जाती हैं। यह पर्व सदियों पुराना जरूर है, क्योंकि भविष्य पुराण में भी रक्षा बंधन का उल्लेख है। भविष्य पुराण के मुताबिक, जब राक्षसों और देवों के बीच युद्ध शुरू हुआ, तब देवों पर दानव हावी हो रहे थे। इंद्र घबरा गए और भगवान बृहस्पति के पास जाकर उन्हें पूरी जानकारी दी। यह बात इंद्र की पत्नी इंद्राणी भी सुन रही थीं। इसके बाद उन्होंने मंत्रों की शक्ति से रेशम के धागे को पवित्र किया और इंद्र के हाथ पर बांध दिया। यह दिन सावन महा की पूर्णिमा का दिन था।
इसके अलावा रक्षा बंधन पर्व का उल्लेख रानी कर्णावती के जीवनकाल के दौरान भी मिलता है। मध्यकाल युग में मुस्लिमों और राजपूतों के बीच संघर्ष चल रहा था। तब चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से खुद को और अपनी प्रजा को मुसीबत में घिरता देखकर हुमायूं को राखी भेजी थी। इसके बाद हुमायूं ने रानी कर्णावती की रक्षा की और अपनी बहन का दर्जा दिया। रक्षा बंधन का जिक्र महाभारत काल में भी है। जब भगवान कृष्ण ने राजा शिशुपाल का वध किया था, तब उनके बाएं हाथ की अंगुली से खून बहने लगा था। यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर भगवान कृष्ण की अंगुली पर बांध दिया। मान्यता है कि यहीं से भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को अपनी बहन बना लिया था। जब दुयोर्धन ने द्रौपदी का चीर हरण पूरी सभा में किया तब उनके गोविंद यानी श्री कृष्ण ने ही उनकी रक्षा की थी।
जानिए रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा रक्षाबंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी। ज्योतिषियों का कहना है कि रक्षाबंधन पर इस बार सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 03 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांधी जा सकेगी। वहीं भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।